पुणे की शोध संस्था अर्थक्रांति के संस्थापक एवं प्रमुख अर्थशास्त्री अनिल बोकिल ने कहा कि व्यावसायिक लेन देन में पारदर्शिता होनी चाहिए जो बैंकिग सेवा के जरिए ही संभव है. वह अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत द्वारा आयोजित वर्तमान अर्थनीति एवं ग्राहक विषय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.
आने वाले समय में दिखेंगे नोटबंदी के सकारात्म परिणाम
बोकिल ने कहा कि नोटबंदी के सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, कालेधन और आतंकवाद की रोकथाम के लिये नोटबंदी आवश्यक थी. अधिक मूल्य वाले नोटों का चलन बंद होने से जाली नोट बंद हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सुधार के लिये माल व सेवा कर (जीएसटी ) एक पायदान है.
बता दें कि अर्थक्रांति ने कालेधन के खिलाफ कार्रवाई के रूप में नोटबंदी की वकालत की थी. प्रधानमंत्री ने पिछले साल आठ नवंबर को हजार और पांच सौ रुपये के नोटों को चलन से निकालने का फैसला किया था, जो उस समय चलन में कुल करेंसी का करीब 86 प्रतिशत था.
अधिक धन कमाने की सोच बीमारी की जड़
इस अवसर पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अधिक से अधिक धन कमाने की सोच सभी बीमारियों की जड़ है. जब सोच में परिवर्तन होगा तो ग्राहक पंचायत का उद्देश्य धीरे- धीरे साकार होता दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई परिवर्तन किए हैं. निजी शिक्षण संस्थानों पर लगाम लगाने के लिये फीस एक्ट बनाया. साथ ही पहली बार निजी शिक्षण संस्थानों में फीस का निर्णय करने में अभिभावकों की सहभागिता तय की है.
पूरी दुनिया में हो केवल एक मुद्रा
अनिल बोकिल ने इस मौके पर यह भी कहा कि अर्थव्यस्थाओं के स्वस्थ संचालन के लिए पूरी दुनिया में केवल एक मुद्रा होनी चाहिए. वहीं अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण देशपांडे ने संस्थान के उद्देश्यों के बारे में बताया.