लखनऊ। यूपी विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2017 (यूपीकोका) पर चर्चा के दौरान 20 हजार राजनीतिक मुकदमे वापस लेने की घोषणा की। प्रदेश हित में यूपीकोका को जरूरी बताते हुए उसके दुरुपयोग न होने देने का आश्वासन भी उन्होंने दिया। योगी ने कहा कि यूपीकोका से चिंतित होने की जरूरत नहीं और प्रदेश की छवि बचाने को अपराधी, राजनेता व अफसर का गठबंधन तोडऩा बहुत जरूरी है।
यूपीकोका के पक्ष में दलीलें
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद योगी ने अपने लगभग एक घंटे के संबोधन में यूपीकोका के पक्ष में दलीलें देते हुए कानून व्यवस्था सुधारने को सरकार के प्रयास की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नौ महीने में अपराध पर प्रभावशाली अंकुश लगा है। अपराधी जेल में बंद हैं या प्रदेश से पलायन कर गए। लगभग 800 मुठभेड़ों में दो हजार से अधिक शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 25 दुर्दांत अपराधी मारे गए। मुख्यमंत्री ने यूपीकोका का विरोध कर रहे विपक्ष को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आ रहा कि विरोध क्यों किया जा रहा है? सरकार को आए दिन खराब कानून व्यवस्था के मुद््दे पर घेरने वाले प्रभावशाली कानून बनाने का विरोध न करें तो बेहतर होगा। प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण तेजी से बन रहा है और पंूजी निवेश भी बढ़ा है। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो खुशहाली आएगी।
सावन ही आग लगाए तो कौन बुझाए
योगी ने विपक्ष की चुटकियां भी लीं। उन्होंने वोरा कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते कहा कि अपराधी, राजनेता व अफसर गठजोड़ के कारण प्रदेश की छवि खराब हुई है। इस गठबंधन को तोडऩे के लिए नया कानून लाया जा रहा है। जिम्मेदार लोग ही व्यवस्था बनाने का विरोध करें तो क्या कहा जाए? उन्होंने एक फिल्मी गीत का मुखड़ा भी बोला-सावन ही आग लगाए तो उसे कौन बुझाए।
दुरुपयोग न होने की गारंटी
मुख्यमंत्री ने यूपीकोका का दुरुपयोग नहीं होने की गारंटी दी। उन्होंने कहा कि नौ माह के कार्यकाल में सरकार ने एक भी कार्य राजनीतिक विद्वेष से नहीं किया। उन्होंने विधेयक में उन प्रावधानों की भी जानकारी दी जिनमें आरोपी के बचाव के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक व महाराष्ट्र में लागू कानून से बेहतर व प्रभावशाली यूपीकोका है।
योगी ने कानून को लेकर दुष्प्रचार पर चिंता जाहिर करते हुए पूछा कि कानून को पिछड़ा दलित और गरीब विरोधी बताने वाले बता दें कि फिरौती वसूलने वाले, पैसे लेकर हत्या करने व जालसाजी कर संपत्ति हड़पने वालों पर सख्त कार्रवाई का विरोध क्यूं किया जा रहा है? पटरी व ठेले वालों से वसूली करने वालों को दंडित करना गरीब व दलित विरोध कैसे हो सकता है? योगी ने कहा कि सरकार बिना भेदभाव किए सबके साथ न्याय कर रही है।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में बीस हजार से अधिक राजनीतिक लोगों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि धरना प्रदर्शन आदि लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है। योगी ने विपक्ष से प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हित में यूपीकोका को सर्वसम्मति से पारित कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि आप सचमुच में अपराध, भ्रष्टाचार और भयमुक्त प्रदेश चाहते हैं तो एकमत होकर सरकार का साथ दें। इससे प्रदेश जनता साधुवाद देगी और हम भी साधुवाद देंगे।