पितृपक्ष मेला महासंगम 2022 शुरू होने से ठीक एक दिन पहले गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के पास बने ‘गयाजी डैम’ का उद्घाटन हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 8 सितंबर को फल्गू नदी पर बने गयाजी डैम का लोकार्पण करेंगे। यह डैम बिहार का पहला और देश का सबसे बड़ा रबर डैम है। इससे बनने के बाद फल्गू नदी में सालों-साल 4 फीट पानी रहेगा। इससे गया आने वाले श्रद्धालुओं को पिंडदान में सुविधा होगी।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने शुक्रवार को विष्णुपद मंदिर के पास बने रबर डैम का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि सीएन नीतीश ने इस रबर डैम का नाम गयाजी डैम सुझाया है। आठ सितंबर को यह जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। मंत्री ने विभाग के सचिव संजय अग्रवाल और जिले के अधिकारियों के साथ लोकार्पण की तैयारी की समीक्षा की। रबर डैम के अंतिम चरण में होने वाले काम के लिए निर्देश दिए। इस मौके पर गया के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम, सिंचाई सृजन के इंजीनियर-इन-चीफ ईश्वर चंद्र ठाकुर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हमेशा रहेगा फल्गू में पानी
मंत्री संजय झा ने बताया कि अब विष्णुपद मंदिर के पास फल्गू नदी में सालों भर जल उपलब्ध रहेगा। इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को पिंडदान, स्नान और तर्पण करने में सुविधा होगी। डैम के निर्माण से भूजल स्तर में भी सुधार हुआ है। एक समय ऐसा था जब नदी में चापाकल लगाकर पानी निकालना पड़ता था। पिंडदानियों को बड़ी परेशानी होती थी।
निर्धारित समय से पहले हुआ डैम का काम
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर निर्धारित समय से एक साल पहले ही रबर डैम का निर्माण पूरा कर लिया गया। इस योजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने 22 सितंबर 2020 को किया था। इसे अक्टूबर 2023 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। मगर, बाद में सीएम नीतीश ने इसे पितृपक्ष मेला 2022 से पहले पूरा करने को कहा। इसके अलावा यहां मात्र 55 दिनों में मनसरवा नाला भी बनाया गया जिससे शहर का गंदा पानी फल्गू नदी में नहीं जा सकेगा।
मंत्री संजय झा ने बताया कि पहली बार परंपरागत कंक्रीट डैम के स्थान पर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रबर डैम बनाया गया है। इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञों की परामर्श को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है। यहां मंदिर के 300 मीटर निम्न प्रवाह में फल्गू नदी के बाएं तट पर 411 मीटर लंबा, 95.5 मीटर चौड़ा और तीन मीटर उंचा डैम बनाया गया। सतही जल के प्रवाह को रोकने के लिए 1031 मीटर लंबाई में शीट फाइल और 300 मीटर में डायप्राम वॉल बनाई गई। साथ ही विष्णुपद से दूसरी ओर सीता कुंड जाने के लिए 411 मीटर लंबा स्टील ब्रिज बनाया गया है।