राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएं किस कदर लापरवाही से घिरी हुईं हैं, इसका खुलासा मदन मोहन मालवीय अस्पताल से हुआ है। सड़क दुर्घटना में घायल मरीज जब पांच साल की बेटी के सहारे अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से ही इनकार कर दिया।
कुछ देर बाद वहां मौजूद मरीजों के परिजनों ने प्रेमपाल और उसके परिजनों की तस्वीरें लेनी शुरू कर दी तो डॉक्टर दौड़ते हुए आए और मरीज को भर्ती कर लिया। मरीज ने इस बर्ताव पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शिकायत की है।
दरअसल, जैतपुरा क्षेत्र निवासी प्रेमपाल पेशे से चालक हैं। पांच अक्तूबर को एक सड़क दुर्घटना में वह बुरी तरह घायल हो गया। उसका एक पैर भी टूट गया। प्रेमपाल ने बताया, सोमवार को जब वह इलाज के लिए मदन मोहन मालवीय अस्पताल पहुंचा तो गेट पर व्हील चेयर नहीं मिला।
प्रेमपाल ने बताया कि काफी देर इंतजार के बाद उसे बिस्तर मिल गया लेकिन वो मुख्यमंत्री से एक बार शिकायत जरूर करना चाहता है। घटना के वक्त अस्पताल में मौजूद एक मरीज के परिजन सुनील ने प्रेमपाल की शिकायत को सीएम सेल तक पहुंचा दिया है।
शाम होते ही अल्ट्रासाउंड बंद
सुनील ने बताया कि अस्पताल में खामियों का अंबार लगा है। वे अपनी गर्भवती पत्नी के साथ अक्सर अस्पताल आते हैं लेकिन शाम होते ही यहां अल्ट्रासाउंड तक नहीं होता है। सुनील ने बताया कि सोमवार को वे खुद अपनी पत्नी का अल्ट्रासाउंड बाहर से करवाया।
जानकारी नहीं है : सीएमओ
अस्पताल के सीएमओ डॉ रमेश चुघ ने बताया कि मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है। अस्पताल में मरीजों के साथ किसी भी तरह का बुरा बर्ताव नहीं किया जाता है। न ही अल्ट्रासाउंड को लेकर ऐसी कोई शिकायत मिली है।