400 मीटर सड़क बनाकर 700 मीटर का भुगतान करा लेने वाले ठेकेदारों की सूची बनेगी : CM योगी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सड़क बनाने में गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री के बयान के बाद शुक्रवार को जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के अधिकारी और कर्मचारी पूरे दिन ‘300 मीटर’ सड़क की तलाश में लगे रहे। सुबह से शाम तक की कवायद में उन्हें ऐसी कोई फाइल नहीं मिली। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी एकाध सड़क ही होगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डूडा और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की सड़कों के शिलान्यास के दौरान कहा था कि 400 मीटर सड़क बनाकर 700 मीटर का भुगतान करा लेने वाले ठेकेदारों की सूची बनेगी। इसके बाद कमिश्नर ने डूडा, नगर निगम और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से इस संबंध में जानकारी तलब की है।

मुख्यमंत्री के बयान के बाद डूडा कार्यालय में दिनभर अफरातफरी मची रही। मामला तीन साल पुराना बताया जा रहा है। ऐसे में नवागत डूडा परियोजना अधिकारी विकास कुमार सिंह को भी इस बारे में पता कराना मुश्किल हो रहा है। पिछले तीन वर्षों के दौरान समाचारपत्रों में प्रकाशित समाचारों, डूडा द्वारा कराए गए विभिन्न कामों के संबंध में शिकायत संबंधी फाइलें निकाल कर एक-एक करके सभी की जांच की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

डूडा परियोजना अधिकारी विकास कुमार सिंह ने बताया कि कमिश्नर ने जांच का निर्देश दिया था। पिछले तीन-चार वर्षों की फाइलों की जांच की गई है। ऐसी शिकायतों की भी जांच की गई, जो डूडा दफ्तर में की गई थीं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं मिला है। इस संबंध में कमिश्नर को अवगत करा दिया गया है। मामले की जांच होती रहेगी। जैसे ही मामला पकड़ में आएगा संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने बताया कि कम दूरी की सड़क का निर्माण कर ज्यादा दूरी तक का भुगतान कराने के संबंध में मुख्यमंत्री से शिकायत हुई है। अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसे एक या दो मामले ही होंगे। उनका पता लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीनों ही विभागों नगर निगम, डूडा और आरईएस के अफसरों को शासन से संपर्क कर शिकायत का पता लगाने और मामले की जांच कर पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। रिपोर्ट मिलते ही संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।

शहर के शाहपुर वार्ड निवासी युवराज सक्सेना ने कम निर्माण कराकर पूर्ण भुगतान लेने संबंधी शिकायत सीएम से करते हुए जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई शिकायत में उन्होंने कहा है कि वार्ड नंबर 34, शाहपुर, वी-मार्ट के सामने, शिव मंदिर गली में अवस्थापना निधि द्वारा 14 लाख से (मेडिकल रोड से मनीष सक्सेना के मकान से होते हुए शिव मंदिर तक) सड़क और नाली का निर्माण होना था, परंतु निर्माण केवल मनीष सक्सेना के मकान तक ही हुआ है।

जबकि कार्यादेश और प्रस्तावित नक्शे में शिव मंदिर तक सड़क का निर्माण करना था। अवर अभियंता द्वारा आईजीआरएस में प्रार्थनापत्र का जवाब दिया गया कि संबंधित स्थल विवादित है अत: निर्माण नहीं हो सकता। इसके अनुसार इस कार्यादेश में मंदिर तक सड़क और नाला निर्माण के लिए धन बचा होना चाहिए था परंतु अवर अभियंता द्वारा पूर्ण भुगतान कर दिया गया है।

 

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