कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी) (CPIM) ने जम्मू कश्मीर की वर्तमान परिस्थिति पर एक बुकलेट लॉन्च की है और संविधान की धारा 370 हटाने को संविधान के साथ धोखा करार दिया है.

नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सीपीएम ने कहा है कि 5 अगस्त को मोदी सरकार ने संविधान, संघवाद और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर गाज गिरा दी है.
सीपीएम ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार का ये फैसला असंवैधानिक, अवैध और तानाशाही भरा है. सीपीआई ने अपनी बुकलेट में लिखा है कि, जम्मू कश्मीर से उसके राज्य का दर्जा छीन लिया गया और उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया गया. जाहिर है दोनों केंद्र की सत्ता के अधीन होंगे. इस तरह मोदी सरकार की मेहरबानी से भारत में प्रदेशों की तादाद 29 से घटकर 28 रह गई है.
सीपीआई (एम) ने इन अभूतपूर्व कानूनों और फैसलों पर कड़ा विरोध जताया है. सीपीआई (एम) ने कहा है कि, ये फैसले असंवैधानिक हैं, अवैध हैं और तानाशाही पूर्ण हैं.
इन कदमों के माध्यम से विविधता में एकता के सिद्धांत पर हमला किया गया है. यह केवल धारा-370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे के समाप्त किए जाने का मामला नहीं है, यह तो जनतंत्र को ही ख़त्म किए जाने का मामला है.
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