36 घंटे बाद भी मां-बाप फौजी बेटे की मौत से हैं बेखबर, कश्मीर में ऐसे गई जान
36 घंटे बाद भी मां-बाप फौजी बेटे की मौत से हैं बेखबर, कश्मीर में ऐसे गई जान

36 घंटे बाद भी मां-बाप फौजी बेटे की मौत से हैं बेखबर, कश्मीर में ऐसे गई जान

इंदौर। देवास के घिचलाय का रहने वाला आर्मी मैन नीलेश धाकड़ श्रीनगर में दुर्घटनावश गोली चलने से शहीद हो गया। नीलेश के पार्थिव देह को बुधवार शाम करीब 5 बजे सेना के जवान इंदौर लेकर पहुंचे। गुरुवार सुबह 11 बजे सेना के जवान पार्थिव देह को लेकर गांव पहुंचेंगे। जहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होगा।36 घंटे बाद भी मां-बाप फौजी बेटे की मौत से हैं बेखबर, कश्मीर में ऐसे गई जान

– मिली जानकारी अनुसार सेना के जवान नीलेश का पार्थिव शरीर लेकर गुरुवार शाम इंदौर पहुंचे। एयरपोर्ट से नीलेश को सीधे महू ले जाया गया। सेना के जवान महू से सुबह 8 बजे पार्थिव शरीर को लेकर गांव के लिए रवाना होंगे। करीब साढ़े 12 बजे नीलेश को अंतिम विदाई दी जाएगी।

माता-पिता को नहीं पता, बेटा नहीं रहा

– बुधवार को एसडीएम नीरज खरे और एसडीओपी विजय शंकर द्विवेदी टीम के साथ गांव पहुंचे और अंत्येष्ठि स्थल को देखा। नीलेश का अंतिम संस्कार घर के पास ही खेत पर किया जाएगा। पंचायत ने अंतेष्ठि स्थल को समतल करवा दिया है। अपने खेत पर काम होता देख बेटे की मौत से अनजान पिता ने थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई की कोई उनकी जमीन पर अवैध रूप से काम कर रहा है। बेटे की मौत के 48 घंटे बाद भी पिता सुखराम धाकड़ औ मां नर्मदाबाई को जानकारी नहीं दी गई है।

12वीं के बाद सेना में हुआ था भर्ती

– नीलेश के दोस्त ने बताया कि उसने 12वीं के बाद सेना में ट्रॉय किया और उसकी पहली पोस्टिंग पंजाब में हुई थी। निलेश की प्रारंभिक पढ़ाई घिचलाय में ही की थी। इसके बाद उसने 12वीं पीपलरावां से पास किया था। नीलेश करीब 3 महीने पहले ही गांव आया था। यहां एक्सीडेंट होने के बाद उसने करीब 15 दिन यहीं गुजारे थे। फिर ड्यूटी पर चला गया था।

– 28 अप्रैल 2018 को उसकी शादी होने वाली थी। इसलिए उसने अपनी 15 दिन की छुट्टी बचा रखी थी। हादसे के एक दिन पहले उसने रात में दोस्तों से बात कर कहा था कि शादी के लिए वीडियो शूटिंग वाले से तुम लोग ही बात कर लेना।

बेटे की मौत की खबर सुनते ही गमगीन हुआ गांव

– सोनकच्छ में खबर मिलते ही गांव में माहौल गमगीन हो गया है। चौराहों पर चर्चा होती रही, लोग घटना की जानकारी लेने में जुटे रहे। युवाओं ने सोशल मीडिया पर भी जानकारी लेने की कोशिश की। ग्रामवासियों द्वारा धाकड़ को श्रद्धांजलि देने के लिए पोस्टर लगाने का सिलसिला शुरू हो गया। धाकड़ के बड़े भाई बरोठा में रहते हैं, वे शव लेने इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे।

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