इस बार मकर सक्रांति सर्वार्थसिद्धि योग में हाथी पर समृद्धि लेकर आएगी। सूर्य के दक्षिण से उत्तरायण होने का पर्व 14 जनवरी को रहेगा।
28 साल बाद सक्रांति पर सर्वार्थ सिद्ध, अमृत सिद्धि के साथ चंद्रमा कर्क राशि में जबकि अश्लेषा नक्षत्र और प्रीति और मानस योग का संयोग बनेगा।
ज्योर्तिविदों के मुताबिक सूर्य मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी शनिवार को सुबह 7.37 बजे होगा। इसके चलते पूरे दिन पर्वकाल रहेगा। सक्रांति का नाम मिश्रा जो पशु पक्षी के लिए लाभदायक है। नक्षत्र के आधार पर इसका नाम राजसी है। सक्रांति का वाहन हाथी और उपवाहन गधा है। जो आम जनमानस के लिए समृद्धिकारक है। दृष्टि पश्चिम दिशा में है। लाल वस्त्र धारण करी हुई और शस्त्र धनुष है। हाथ में लोहे का पात्र और दूध का सेवन करते हुए है। शरीर पर गोरोचन का लेप और बिल्वपत्र का मुकुट है। बैठी हुई अवस्था में है।
ज्योर्तिविद् श्यामजी बापू के अनुसार सूर्य के उत्तरायण होने के बाद 16 जनवरी से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। मलमाल के चलते वैवाहिक आयोजन पर लगी रोक हटेगी। सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर में प्रवेश करेंगे। पं. धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार पर्व का पुण्यकाल पूरे दिन रहेगा। इस दिन दान, स्नान का विशेष महत्व है। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना सक्रांति कहलाता है। मकर सक्रांति के एक दिन पहले 13 जनवरी को वर्ष का पहला पुष्य नक्षत्र होगा।
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