कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के आशंका के बीच अभी भी 12वीं की परीक्षा डेट्स अधर में लटकी हैं. कल सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा टालने की याचिका की सुनवाई के दौरान एक जरूरी बात सामने आई है, वो ये कि शिक्षा मंत्रालय ने तीन प्रपोजल तैयार करके सरकार के पास भेजे हैं, अब बस पीएमओ की मुहर का इंतजार है. जैसा कि पहले ही कहा गया था कि आज यानी एक जून को केंद्रीय शिक्षामंत्री एग्जाम की डेट की घोषणा करेंगे. इससे पहले आइए जानते हैं कि मंत्रालय ने एग्जाम का शेड्यूल तैयार किया है, और क्या हैं वो तीन प्रपोजल जो सरकार के पास भेजे गए हैं.
एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से छपी खबर के मुताबिक अगर सरकार ने हामी भरी तो सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं 24 जुलाई से 15 अगस्त के बीच कराई जा सकती हैं. इसके अलावा बीते सप्ताह सभी राज्यों से मिली लिखित प्रतिक्रिया के बाद 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 3 प्लान तैयार किए गए हैं. कहा जा रहा है कि इनमें पीएमओ कुछ बदलाव भी कर सकते हैं.
सीबीएसई बोर्ड की मदद से तैयार किए गए प्लान A के अनुसार सरकार 12वीं की परीक्षा सिर्फ मुख्य विषयों के लिए आयोजित करेगी. इनमें साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के केवल 3 मुख्य मुख्य विषयों की परीक्षा होगी. इसके बाद रिजल्ट तैयार करने के लिए बचे विषयों के लिए मार्किंग का फार्मूला मुख्य विषयों की परीक्षा के नंबरों के आधार बनाया जाएगा.
वहीं प्लान B में कहा गया कि सीबीएसई बोर्ड इन मुख्य विषयों की परीक्षाएं 30 मिनट की परीक्षा कराकर मूल्यांकन करेगा. इन परीक्षाओं को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि प्रश्नपत्र में सिर्फ ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन होंगे. परीक्षा में विषयों की संख्या भी तय होगी, हालांकि कहा जा रहा है कि राज्यों ने इस प्रपोजल में अपनी सहमति नहीं जताई है.
अब बारी आती है प्लान C की. इसके तहत शिक्षा मंत्रालय ने ये कहा कि देश के कई राज्यों में अगर कोरोना संक्रमण की स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में बोर्ड सभी जगह 9वीं, 10वीं और 11वीं तीनों का इंटरनल असेसमेंट करे और इसी आधार पर छात्रों का मूल्यांकन हो. इसके बाद इसके आधार पर ही 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार इस प्लान को लेकर ज्यादा नहीं सोच रही क्योंकि ज्यादातर विशेषज्ञों ने 12वीं के एग्जाम कराने को जरूरी बताया है.
वहीं बोर्ड ने भी परीक्षा के लिए फिलहाल एक टेम्परेरी टाइम टेबल तैयार किया है, जिसके अनुसार परीक्षा दो चरणों में 15 जुलाई से एक अगस्त तक और दूसरे चरण में 6 अगस्त से 26 अगस्त तक आयोजित की जाएगी. इसमें रविवार को भी परीक्षा कराने का प्रस्ताव शामिल है.
सीबीएसई ने ये भी सुझाव दिया है कि यदि छात्र परीक्षा की शुरुआत में किसी भी तरह कोविड -19 संबंधित मुद्दे के कारण परीक्षा में उपस्थित होने में असमर्थ होते हैं तो ऐसे में छात्रों को सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए लगभग 15 दिन बाद परीक्षा का एक दूसरा विकल्प देगा. इसके लिए छात्र को कोविड-19 संबंधित स्पष्ट सूचना और डॉक्यूमेंट बोर्ड के सामने प्रस्तुत करने होंगे.
बता दें कि पिछले साल की तरह, इस साल भी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 सभी कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ आयोजित की जाएगी. परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का पालन किया जाएगा. बता दें कि इस बीच छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग सोशल मीडिया पर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग कर रहा है. शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा, सुरक्षा और भविष्य दोनों हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं.