विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि सुदृढ़ स्वास्थ्य प्रणाली के जरिए ही कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने दुनियाभर के देशों की स्वास्थ्य प्रणाली की कलई खोल कर रख दी है। टेड्रोस ने आगाह करते हुए कहा 2030 तक विश्व की आबादी पांच अरब के करीब होगी, ऐसे में सबको स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करना दुनिया के समक्ष एक बड़ी चुनौती होगी।
डब्लूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि देशों के समक्ष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं,अस्पताल एवं आवश्यक दवाएं की उपलब्धता एक बड़ी समस्या होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्स सेवाओं का यह अंतराल न केवल व्यक्तियों, परिवार और समुदाय को कमजोर करते हैं, बल्कि इसका असर देश के आर्थिक विकास पर पड़ता है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने जोर दिया कि सबसे अच्छा निवेश स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर बीमारी को रोकने में है। उन्होंने कहा कि इलाज से बेहतर रोगों का रोकथाम है। यह इलाज की अपेक्षा सस्ता भी है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि दुनिया में प्रत्येक वर्ष 7.5 ट्रिलियन डॉलर के आसपास खर्च होता है। यह राशि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 फीसद है।
ट्रेडोस ने पूरी दुनिया से एकजुट होकर कोरोना महामारी को पराजित करने का आह्वान किया है। उन्होंने जोर दिया कि एकता ही कोरोना वायरस का रामबाण है।
उन्होंने कहा कि कोरोना पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है। साथ ही दुनिया द्वारा एक समान भविष्य रचने का अच्छा मौका भी है। उन्होंने यूरोपीय आयोग द्वारा आयोजित कोरोना वायरस वैश्विक प्रतिक्रिया के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 7.4 अरब यूरो का चंदा इकट्ठा करने की सराहना की।