सौर ऊर्जा बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए, अडानी समूह 2027 तक 10 गीगावॉट इंटीग्रेटेड सोलर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बनाने की योजना बना रहा है। 4 गीगावॉट की वर्तमान सोलर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के साथ, यह योजना इसकी क्षमता को 2.5 गुना बढ़ा देगी.
अडानी समूह ऊर्जा बदलाव यानी ग्रीन एनर्जी कारोबार पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए वर्ष 2027 तक 10 गीगावाट की इंटीग्रेटेड सोलर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी स्थापित करने में जुटा हुआ है। अडानी समूह की मौजूदा सोलर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता चार गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) की है।
2027 तक सौर ऊर्जा बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए अदाणी समूह अपनी सोलर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को 2.5 गुना तक बढ़ाएगा।अडानी समूह 2027 तक 10 गीगावॉट इंटीग्रेटेड सोलर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बनाने की भी योजना बना रहा है यह नई टेक्नोलॉजी ग्रोथ पर आधारित है।शुरुआत से ही अडानी सोलर बड़े स्केल और टेक्नोलॉजी, दोनों ही मामले में घरेलू सोलर पीवी इंडस्ट्री का नेतृत्व कर रहा है। यह नई तकनीक को सबसे पहले अपनाने वाला और डिजिटल परिवर्तन को लागू करने में अडानी ग्रुप सबसे आगे रहा है। प्रमुख वैश्विक संस्थानों और आईएससी, यूएनएसडब्ल्यू, पीआई बर्लिन, फ्राउनहोफर जैसी सर्टिफिकेशन लेबोरेटरी के साथ कंपनी के गठजोड़ ने इसकी प्रौद्योगिकी क्षमता को मजबूत करने में मदद की है।अडानी सोलर तेजी से बढ़ा रहा है उत्पादन क्षमता.
अडानी सोलर ने मैन्यूफैक्चरिंग 2016 में शुरू की थी। उस समय कंपनी 1.2 गीगावाट सेल और मॉड्यूल की मैन्यूफैक्चरिंग करती थी। बीते छह वर्षों में कंपनी ने अपनी क्षमता को 3 गुना बढ़ाकर 4 गीगावाट मॉड्यूल और 4 गीगावाट सेल कर दिया है। अडानी ग्रुप की ओर से मुंद्रा एसईजेड में भारत की सबसे बड़ी सोलर पीवी सेल और मॉड्यूल की मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता लगाई गई है।
भारत के सबसे बड़े सौर पैनल निर्यातकों में से एक है अडानी
भारत में सौर पैनलों के वितरण के लिए अदाणी सोलर ने देश भर में 3,500 से अधिक शहरों में अपनी खुदरा उपस्थिति का तेजी से विस्तार किया है।
देश में रूफटॉप और पीएम-कुसुम सेगमेंट में सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी
इंगोट-वेफर (भारत में अपनी तरह का पहला) की पायलट लाइन और टॉपकॉन प्रौद्योगिकी के साथ निर्माणाधीन 2 गीगावॉट बड़े पैमाने पर उत्पादन सेल लाइन वाला एकमात्र घरेलू सौर ऊर्जा संयंत्र।
इंगोट-वेफर की प्रस्तावित विनिर्माण सुविधा प्रतिस्पर्धी सेल विनिर्माण के लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम है
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में एक मजबूत ऑर्डर बुक बनाए रखना, जिसके कारण कंपनी की संपत्ति का उपयोग पूर्ण रूप से हुआ है।
पीवीईएल (डाउनस्ट्रीम सौर और ऊर्जा भंडारण उद्योग के लिए एक अग्रणी स्वतंत्र परीक्षण प्रयोगशाला) द्वारा लगातार 6 वर्षों तक शीर्ष प्रदर्शन करने वाले एकमात्र भारतीय सौर पैनल निर्माता का दर्जा प्राप्त किया गया।
सौर ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले सौर पैनल के मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी अडानी सोलर का गठन साल 2015 में हुआ और इसमें अगले साल से ही मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो गई थी। छह साल से भी कम समय में इसकी क्षमता तिगुनी से भी अधिक यानी चार गीगावाट हो चुकी है। अदाणी सोलर गुजरात के मुंद्रा में 10 गीगावाट क्षमता की पहली पूर्ण एकीकृत और व्यापक सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर रही है। यह समूह की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होगी और इससे 13,000 रोजगार पैदा होंगे।
हर साल पांच गीगावॉट सोलर पैदा करने की योजना
अडानी सोलर एनर्जी में अडानी ग्रुप हर साल अपनी क्षमता 5 गीगावॉट तक बढ़ाने पर फोकस करेगा। समूह का प्लान साल 2030 तक इस सेक्टर में सबसे बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी बनने का है. साल 2016 में अडानी सोलर ने 1.2 गीगावॉट के साथ निर्माण शुरू की थी। छह साल से कम समय में कंपनी ने अपनी क्षमता को तीन गुना बढ़ाया है. मेरकॉम के भारतीय सोलर मार्किट लीडरबोर्ड, 2023 के अनुसार, अडानी सोलर 2022 में टॉप 3 सोलर मॉड्यूल सप्लायर्स में स्थान पर है।