यूपी में 2024 के दंगल में सिटिंग सांसदों को उतारने या न उतारने का निर्णय बीजेपी उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर लेगी। इसके लिए पार्टी कई बिंदुओं पर सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कराएगी।
देश में 18 वीं लोकसभा के सदस्यों के लिए 2024 में होने वाले चुनाव की तैयारी में बीजेपी सबसे आगे है। इसके साथ पार्टी ने टिकटों को लेकर भी नए सिरे से विचार मंथन शुरू कर दिया है। पिछले चुनाव में यूपी से बीजेपी के 62 सांसद जीते थे। अब चर्चा है कि इन सांसदों को दोबारा मैदान में उतारने या न उतारने के फैसले से पहले बीजेपी इनका रिपोर्ट कार्ड तैयार कराएगी। परफार्मेंस अच्छी रही तो टिकट मिलेंगे नहीं तो बदल दिए जाएंगे।
जानकारों के मुताबिक सांसदों के रिपोर्ट कार्ड में अलग-अलग प्वाइंट्स पर नंबर मिलेंगे। मसलन, जनता के बीच में उपस्थिति कितनी रही? 5 साल में जनता से कैसा रिश्ता बना सके? क्षेत्र में लोकप्रियता का स्तर क्या है? क्षेत्र में विकास के कितने काम किए? सांसद निधि का कहां और कैसा इस्तेमाल किया? आदि-आदि। दरअसल, बीजेपी 2024 में यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत के लक्ष्य और दावे के साथ अभी से चुनावी तैयारियों में जुट गई है।
एक-एक सीट का लेखाजोखा तैयार किया जा रहा है। बीजेपी संगठन और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी अपने-अपने स्तर पर मंथन में लगे हैं। इस बीच चर्चा है कि सांसदों को टिकट देने से पहले उनके परफार्मेंस को ध्यान में रखा जाएगा। यानी सिर्फ सिटिंग सांसद होने के नाते टिकट पर दावा मजबूत नहीं माना जाएगा। साथ में देखा जाएगा कि पिछले पांच साल सांसद महोदय ने अपने क्षेत्र में कैसा काम किया है?
सूत्रों का कहना है कि पार्टी इसके लिए बकायदा रिपोर्ट कार्ड तैयार करा रही है। यह काम बीजेपी संगठन के पदाधिकारी जनता से फीडबैक के आधार पर करेंगे। संघ के जिम्मेदार लोगों की भी मदद और राय ली जाएगी। जनता से फीडबैक के लिए सर्वे कराये जाने की भी संभावना है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही टिकटों का बंटवारा होगा।
विधानसभा चुनाव में भी हुई थी ऐसी कवायद
गौरतलब है कि इस साल हुए विधानसभा चुनाव के पहले भी भाजपा ने सिटिंग विधायकों के कामकाज को आधार मानकर टिकट बंटवारे में कई फैसले लिए थे। कुछ सीटों पर इसी आधार पर उम्मीदवार बदल दिए गए थे।