सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान आदि करने का विधान है। इस बार यह अमावस्या 18 दिसंबर, सोमवार को है। सोमवती अमावस्या के दिन आप अपने इष्ट देव और पितरों का आशीर्वाद लें। ऐसा करने से हमेशा आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या के दिन क्या करने का विधान है…

कई स्थानों पर विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत भी रखती हैं। स्त्रियां इस दिन पीपल के पेड़ को शिवजी का वास मानकर दूध, जल, फूल, अक्षत, चन्दन से पूजा करती हैं और उनके चारों ओर कच्चा धागा लपेट कर परिक्रमा करती हैं।
सोमवती अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और कर्मकांड के साथ ही स्नान और यज्ञ का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है।

सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करने का विधान है। इसके साथ ही सूर्य नारायण को जल भी चढ़ाएं। कहते हैं ऐसा करने से घर में आई दरिद्रता दूर होती है।
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, ऐसे जातक सोमवती अमावस्या के दिन गाय को दही और चावल खिलाएं तो उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होगी।
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