बरवाला के खेदड़ में स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट में हुए हादसे में घायल दो श्रमिकों ने बुधवार को दम ताेड़ दिया। दाेनों श्रमिक खेदड़ गांव के रहनेवाले थे। एक और श्रमिक की मौत की चर्चा थी, लेकिन डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि नहीं की। मारे गए श्रमिकों के नाम अमित और विक्रम बताए गए हैं। मंगलवार को खेदड़ पॉवर प्लांट में बॉयलर का क्लिंकर फट कर गिर गया था और इससे छह श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अभी चार श्रमिकों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
खेदड़ निवासी अमित और विक्रम ने इलाज के दौरान बुधवार तड़के करीब तीन बजे दम तोड़ दिया। हादसे के शिकार श्रमिक कच्चे कर्मचारी थे और ठेकेदार के तहत काम करते थे। घायल श्रमिकों को हिसार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्रमिकों की मौत की खबर सुनकर खेदड़ के ग्रामीणों की भारी भीड़ अस्पताल के बाहर जमा हो गई। हादसे के बाद खेदड़ गांव में शोक की लहर है।
अस्पताल में विधायक अनूप धानक, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, आशारानी खेदड़, जोगीराम आदि भी पहुंचे। क्रुद्ध ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। मारे गए तीनों श्रमिकों के शवाें को पोस्टमार्टम के लिए हिसार के सिविल अस्पताल में लाया गया।
मारे गए श्रमिकों के शवों का सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम चल रहा है। खेदड़ ओर पाबड़ा के ग्रामीणों मारे गए श्रमिकों के परिवार को 50 लाख मुआवजा और नौकरी देने की मांग की है। इसके साथ ही दोनों गांव के लोगाें ने 17 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी आगे इस संबंध में कदम उठाने के बारे में फैसला करेगी। वहीं ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम के बाद शव को प्लांट के बाहर रखकर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
दूसरी तरफ प्लांट में कर्मचारियों ने हड़ताल कर बाहर धरना दे रहे हैं। कर्मचारियों की मौत की सूचना मिलते ही बुधवार सुबह उकलाना से इनेलो विधायक अनूप धानक, कांग्रेस के पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, भाजपा के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया इनेलो के जिला अध्यक्ष राजेंद्र लितानी सहित अनेक नेता सिविल अस्पताल पहुंच गए ।
ये होंगे कमेटी में शामिल
ग्रामीणों द्वारा गठित कमेटी में ताराचंद, धर्मवीर , राजवीर, गुलाब सिंह, ब्रहम प्रकाश, राजेश, साहिल, बिल्लू, पवन, राजबीर, संजय, आशारानी, रामनिवास, हरिकिशन, शमशेर, राजेश, जोगीराम को शामिल किया गय।
बता दें कि खेदड़ पॉवर प्लांट में मंगलवार को बॉयलर का क्लिंकर फटने के बाद गिर गया। इस क्लिंकर में गर्म राख और जलते हुए कोयले के कण होते हैं। हादसा करीब दोपहर के तीन बजे हुआ था। हादसे में झुलसने वाले श्रमिकों की पहचान विक्रम, अमित, सतबीर, जगदीप, मनोज पाबड़ा और छोटेलाल के तौर पर हुई है। बताया जाता है कि श्रमिक उस समय अंदर पानी की लीकेज को ठीक करने गए थे कि ऊपर से यह क्लिंकर गिर गया। हादसे के बाद तुरंत श्रमिकों को वहां से निकाल कर हिसार के शहर के निजी अस्पताल में भेजा गया था।
खेद़ड़ पॉवर प्लांट में फटने के बाद गिरा बॉयलर का क्लिंकर।
जानकारी के अनुसार यूनिट नंबर एक को साेमवार रात 12 बजे नो डिमांड के चलते बंद कर दिया गया था। यूनिट बंद होने के बाद बोटल सील ट्रफ में लीकेज की शिकायत मिली थी। मंगलवार को श्रमिक इस लीकेज को ठीक कर रहे थे तो ऊपर से क्लिंकर फट कर गिर गया। उसके नीचे छह श्रमिक दब गए। उनको वहां से निकाल कर एंबुलेंस से निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
प्लांट के एसई मोहम्मत इकबाल ने बताया कि यूनिट के बंद होने के कारण सुबह इनको लीकेज ठीक करने के लिए भेजा गया था। हादसे की सूचना मिलने के बाद डीएसपी बरवाला जयपाल सिंह, इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह आदि अधिकारी मौके पर पहुंचे। उधर कर्मचारियों का आरोप है कि हादसा लापरवाही के कारण हुआ है। उन्होंने हादसे के विरोध में प्रदर्शन किया।
हादसे के बाद जांच करते अधिकारी।
कर्मचारियों का कहना है कि यूनिट को बंद करने के बाद ईंधन गर्म होने की स्थिति में अगले 48 घंटे तक यूनिट के अंदर नहीं जाना होता, लेकिन मंगलवार की दोपहर ही एक अधिकारी के कहने पर श्रमिकों को बॉटम एस की सफाई के लिए यूनिट एक के अंदर भेज दिया गया। कर्मचारियों का आरोप है कि हादसे के बाद झुलसे कर्मियों को प्राथमिक उपचार सहायता भी नहीं जा सकी, क्योंकि प्लांट में इसके लिए सामान ही उपलब्ध नहीं था।
बता दें, खेदड़ पॉवर प्लांट में पहले भी कई बड़े हादसे हो चुके हैं। लोहे की प्लेट गिरने से एक कर्मचारी की मौत हो चुकी है। तो वहीं एक बार चिमनी का गिरने से कई श्रमिक शिकार हो चुके हैं। अब एक फिर से बड़ा हादसा प्लांट में हुआ है।