प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 1,100 करोड़ रुपये के ऑनलाइन सट्टा तथा अंतरराष्ट्रीय हवाला घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबारी नैसर कोठारी को गिरफ्तार कर लिया है। विशेष पीएमएलए अदालत ने उसे 10 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में शुक्रवार को सात जगहों पर छापेमारी की। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, यह कदम बैंक जालसाजी के दो मामलों में उठाया गया है।
क्रिप्टोकरेंसी के कारोबारी नैसर कोठारी पर शिकंजा कसे जाने के मामले में कहा जा रहा है कि ईडी ने हैदराबाद सीसीएस पुलिस की एफआइआर को आधार बनाकर केस की छानबीन की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सट्टा एप पर निवेश कर अपने पैसे गंवाने वाले एक व्यक्ति की शिकायत पर हैदराबाद सीसीएस पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर ईडी ने लिंकयुन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और डॉकीपे प्राइवेट लिमिटेड व अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था।
एजेंसी ने छानबीन में पाया कि चीनी लोगों की ये कंपनियां अंतरराष्ट्रीय हवाला तथा गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त हैं। इस मामले में इससे पहले एक चीनी नागरिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनके खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में एक आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि आगे की जांच में पता चला कि बहुत बड़ी रकम भावनगर स्थित क्रिप्टोकरेंसी कारोबारियों को बेवजह ही ट्रांसफर की गई।
इसी क्रम में उजागर हुआ कि कोठारी ने आरोपित कंपनियों की ओर से यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी की खरीदी की और उन्हें विदेशी मुद्रा के रूप में अज्ञात वालेट में भेज दिया। वहीं दूसरी ओर बैंक जालसाजी के दो अन्य मामलों में सीबीआइ ने गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में शुक्रवार को सात जगहों पर छापेमारी की। सीबीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने गुजरात के अहमदाबाद और आणंद में चार जगहों पर तलाशी ली।
इनमें सायोना कलर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रबंध निदेशक परेश दयालभाई पटेल, शाम्रोक केमिए प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय और आवासीय परिसर शामिल हैं। यह कार्रवाई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ 71.88 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में की गई है। सीबीआइ ने एसबीआइ की शिकायत पर सात दिसंबर को मामला दर्ज किया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ 57.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में भी सीबीआइ ने अहमदाबाद, मुंबई और बेंगलुरु में तीन जगहों पर छापेमारी की। सीबीआइ ने इस संबंध में मामला दो दिसंबर को दर्ज किया था।