अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-रिटेलर्स को 1 जनवरी से सभी पैकेज्ड उत्पादों पर MRP दिखाना जरूरी होगा. केंद्र सरकार ने साफ किया है कि अगर कंपनी छूट देकर भी कोई उत्पाद बेच रही है, तो उस पर भी MRP दिखाना जरूरी है. जो कंपनी इस नियम को नहीं अपनाएगी, उस पर जुर्माना वसूला जा सकता है और जेल की सजा भी हो सकती है.
लीगल मैट्रोलोजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) संशोधित नियम, 2017 में पैकेज्ड कमोडिटीज को अधिसूचित करने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए इसमें साफ किया गया है कि प्री-पैकेज्ड कमोडिटी पर एक्सपायरी डेट, एमआरपी और मैन्युफैक्चरर्स डिटेल समेत उत्पाद से जुड़ी अन्य जानकारी मौजूद होनी चाहिए.
ई-कॉमर्स कंपनियों को भी अब इस दायरे में ला दिया गया है. दरअसल ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थीं. इन शिकायतों में इन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया जा रहा था.
इकोनॉमिक टाइम्स ने उपभोक्ता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा है कि अगर ई-रिटेलर ने इन नियमों को नहीं माना, तो उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा भेजने की कार्रवाई भी की जा सकती है.
नियमों के मुताबिक जो ई-कॉमर्स कंपनी प्रीपैकेज्ड कमोडिटी को लेकर ये नियम नहीं अपनाएगी, तो उन कंपनियों के खिलाफ 25000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
इनके मुताबिक पहली बार नियमों की अनदेखी किए जाने पर कंपनी को 25 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
तीसरी बार में कंपनियों को 1 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही उन्हें एक साल जेल की सजा का प्रावधान भी किया गया है.
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