इटावा। होली के मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच तल्खी जस की तस दिखी। सैफई में आयोजित फूलों की होली के दौरान पुत्र आदित्य के साथ पहुंचे शिवपाल ने गुटबंदी कराने वालों से सावधान किया और छोटे-छोटे झगड़ों में मनमुटाव के बजाय उन्हें बैठकर निपटा लेने की नसीहत दी। वहीं अखिलेश ने उनके समर्थकों की नारेबाजी को लेकर नाराजगी जताई और इन्हीं नारों को सब कुछ बिगाड़ने का जिम्मेदार ठहराया। साथ ही सावधान किया कि सुधर जाएं वरना 36 से कम पर पहुंच जाएंगे। हालांकि इस दौरान मंच पर लगाए गए पोस्टर में केवल मुलायम व अपनी फोटो देख अखिलेश ने उसे हटवा दिया।
जहां एकता वहां पर्व खुशी से मनते
कार्यक्रम में शिवपाल ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि जहां एकता होती है, वहां होली जैसे पर्व और खुशी से मनाए जाते हैं। बहुत से लोग गांव-गांव में जानबूझकर गुटबंदी कराते हैं, ऐसे लोगों से सावधान रहना है। उन्होंने कहा अगर जहां कहीं भी थोड़ा सा मनमुटाव होता है, छोटे-छोटे झगड़े होते है तो उनको आपस मे बैठकर निपटा लेना चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 100 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। किसी का कर्ज माफ नहीं हुआ। 15 लाख की उम्मीद में 500 की पेंशन भी चली गई।
शिवपाल समर्थकों की नारेबाजी पर अखिलेश नाराज
अखिलेश ने भी अपने चाचा को कड़ा जवाब देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने चाचा शिवपाल के समर्थकों की नारेबाजी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे नारे लगाने का कोई औचित्य नहीं है। राजनीति की थोड़ी बहुत पहचान हम भी रखते हैं। जिस ऊंचाई तक पहुंचे हैं, बिना जनता के आशीर्वाद के कोई नहीं पहुंच सकता। मुझे कोई गलतफहमी नहीं है, इसलिए नारे लगवाओ तो समझदारी से लगवाओ। इन नारों ने ही सब कुछ बिगाड़ा है। इसकी रिकार्डिंग मेरे पास है। हमारे पास सबके चेहरे हैं। सैफई में श्रीकृष्ण की मूर्ति का अनावरण करवाने वाला हूं तब आप लोगों को बुलाया जाएगा। इससे पहले उन्होंने चाचा शिवपाल सिंह यादव के पैर छूकर शिष्टाचार की परंपरा निभाई और आशीर्वाद भी पाया लेकिन तल्खी कहीं से कम नहीं दिखी।
तबियत खराब होने पर लौटे मुलायम
कार्यक्रम में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मौजूद नहीं थे। तबियत खराब होने की वजह से सुबह वह अपने आवास से लखनऊ के लिए रवाना हो गए। समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव मौजूद रहते थे लेकिन इस बार आंख के ऑपरेशन के चलते वह सैफई नही आए लेकिन उनके पुत्र फीरोजाबाद से सांसद अक्षय यादव मौजूद रहे।
भीड़ बेकाबू, एनएसजी कमांडो ने घेरा बनाकर हटाया
कार्यक्रम में पूरे प्रदेश के हर जिले से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। लेकिन, सुरक्षा के नाम पर इस बार हीला हवाली दिखी। कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस असफल साबित हुई। जैसे ही अखिलेश ने होली खेलना शुरू की वैसे ही कार्यकर्ता मंच की तरफ बढऩे लगे तो एनएसजी कमांडो ने कार्यकर्ताओं को धक्का देकर कई बार पीछे किया। इस दौरान पत्रकारों से भी धक्का मुक्की हुई। पिता मुलायम सिंह की तरह अखिलेश ने भी फाग का आनंद लिया और फगुओं को सम्मानित भी किया। इस दौरान उन्होंने सपेरा नृत्य का भी आनंद लिया।