सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के कम से कम उन 20 जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) तैनात करने का फैसला किया है, जिनकी पहचान आगामी होली त्योहार के मद्देनजर ‘अतिसंवेदनशील’ के रूप में की गई है। अतिसंवेदनशील श्रेणी के जिलों में आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बहराइच, बलरामपुर, बरेली, बुलंदशहर, अयोध्या, गोंडा, गोरखपुर, कानपुर नगर, लखनऊ, मऊ, मेरठ, मुरादाबाद, श्रावस्ती, वाराणसी और संभल शामिल हैं।
एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जा रहा है कि होली शांतिपूर्ण तरीके से मनाई जाए। त्योहार की पूर्व संध्या पर ‘होलिका दहन’ के लिए राज्य भर में 1.4 लाख जगह हैं। पिछले साल, इस अवधि के दौरान 19 छोटी मोटी घटनाएं दर्ज हुई थी।”
अधिकारी ने कहा कि 2016 के बाद से इस तरह की घटनाओं में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि त्योहार से संबंधित घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए गए हैं। एडीजी ने कहा, “इनमें ड्रोन द्वारा निगरानी, आरएएफ की तैनाती और जिलों को अतिसंवेदनशील और संवेदनशील की श्रेणी में विभाजित करना शामिल है।”
इन जिलों में, स्थानीय बलों और अग्निशमन विभाग के साथ पीएसी की कंपनियां तैनात की गई हैं। एडीजी ने कहा, “इन सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को सतर्कता बनाए रखने के लिए कहा गया है और जो लोग पिछली घटनाओं में आरोपी हैं, उन पर नजर रखी जाएगी।”
जिला पुलिस प्रमुखों को विभिन्न जुलूसों के बारे में सतर्क रहने के लिए कहा गया है जो होली उत्सव का एक हिस्सा हैं। उदाहरण के लिए, शाहजहांपुर के मस्तीगंज में, होली के दिन, एक जुलूस निकाला जाता है जहां एक आदमी को बैलगाड़ी पर जूते की माला पहनाकर बैठाया जाता है और उस पर रंग डाला जाता है।