नई दिल्ली: दो हजार के नए नोट को सरकार बहुत जल्दी खत्म कर देगी। ये कहना है नोटबंदी के मास्टरमाइंड माने जाने वाले अनिल बोकिल का। अनिल ने एक बिजनेस कॉलेज में अपनी स्पीच में यह बात कही।
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बोकिल के मुताबिक 500 और एक हजार के नोट भारत में कुल कैश का 86 फीसदी थे। ऐसे में इन्हें एक बार में खत्म करने से परेशानी काफी बढ़ जाती। दो हजार के नए नोट को लाने का मकसद इसी परेशानी को कम करना था।
अनिल ने इसे हार्ट सर्जरी के उदाहरण से समझाया। उन्होंने कहा कि जब दिल किसी बायपास सर्जरी से गुजरता है तो उसके जगह कोई दूसरा इंस्ट्रूमेंट लगाया जाता है। इस सर्जरी में दो हजार का नोट उसी इंस्ट्रूमेंट का काम कर रहा है।
कैश अर्थव्यवस्था की एक टूटी फूटी सड़के से तुलना की। बोकिल ने कहा कि दो हजार का नोट इन सड़कों में डाइवर्जन का काम करेगा।- जैसे ही रोड की मरम्मत पूरी हो जाती है तो डाइवर्जन को हटा दिया जाता है। इसी तरह दो हजार के नोट को भी कुछ सालों में खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि नोटबंदी में हो रही परेशानी पर बोकिल का कहना है कि ये आज नहीं तो कल होनी ही थी। ये सुधार का जरिया है। इसके पीछे सरकार की मंशा अच्छी है।
इससे पहले गुरुमूर्ति ने कहा था कि “रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के बदलने के दो महीने बाद नोटबंदी की प्लानिंग बनी थी।”
“सीक्रेसी रखते हुए बहुत कम वक्त में इसे लागू किया गया। ऐसे में कुछ कमियां स्वाभाविक हैं। “इतने कम समय में 500 और 1000 रुपए के नोट छापना मुश्किल था। लेकिन 2000 का नोट तो चलन से बाहर करना ही होगा।”