हिंदुओं की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता, बनाऊंगा नई पार्टी: कमल हासन

हिंदुओं की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता, बनाऊंगा नई पार्टी: कमल हासन

अपने बयान को लेकर विवादों में घिरे साउथ के एक्टर कमल हासन ने अपने जन्मदिन के मौके पर न सिर्फ नई पार्टी बनाने का साफ तौर पर संकेत दिया बल्कि अपने बयान को लेकर भी सफाई पेश की।हिंदुओं की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता, बनाऊंगा नई पार्टी: कमल हासन

कमल हासन ने पार्टी पर कयासों के दौर पर विराम लगाते हुए कहा कि सपनों से आविष्कार होते हैं और वही आविष्कार जिंदगी का रास्ता बन जाते हैं। अब पार्टी बनाने से पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि इसके लिए जमीनी स्तर पर काम पूरा हो चुका है।

पार्टी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि बड़े लक्ष्यों को पाने के लिए ज्यादा वक्त लगता है। हम पार्टी बनाने के लिए तैयार हैं अभी उसके संगठनात्मक स्वरूप पर काम कर रहे हैं। हासन ने कहा कि ये पूछना कि तमिलनाडु के लोग बदलाव क्यों चाहते हैं ये बिल्कुल वैसा ही है कि ये पूछना कि वो मुझे क्यों फॉलो करते हैं।

विवादित बयान पर ये बोले कमल हासन 

कमल हासन ने अपने विवादित बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वो हिंदुओं की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते थे। वो खुद हिंदु परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उन्होंने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना है।

हासन ने ये भी कहा कि मैंने कभी भी ‘टेरर’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैने ‘एक्सट्रीम’ शब्द का इस्तेमाल किया था। कमल हासन ने एक साप्ताहिक समाचार पत्र में हिंदु आतंकवाद शब्द का जिक्र किया था जिसके खिलाफ उनकी कड़ी आलोचना हुई।

 
उनके बयान पर समुदाय के लोगों के बीच गुस्सा इतना बढ़ा कि उनके खिलाफ वाराणसी कोर्ट में याचिका भी दाखिल हो गई। 

बीजेपी ने कमल हासन की तुलना हाफिज से की थी

हिंदू महासभा ने कहा कि उनको इस बयान के लिए गोली मार देनी चाहिए वहीं बीजेपी ने कमल हसन की तुलना पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद से तक कर डाली।

कमल हासन ने ‘आनंद विकतन’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र में अपने नियमित कॉलम में‘गुजरे जमाने में हिंदू दक्षिणपंथी अन्य धार्मिक समूहों के साथ अपने विवादों पर सिर्फ बौद्धिक बहस किया करते थे, लेकिन जैसे ही यह तरीका नाकाम होने लगा, वे बाहुबल का सहारा लेने लगे और अब उन्होंने हिंसा का रास्ता अख्तियार कर लिया है।

अब हिंदू दक्षिणपंथी दूसरे समूहों के अतिवाद पर उंगली नहीं उठा सकते हैं क्योंकि उनके अंदर भी इसी तरह के तत्व मौजूद हैं।’

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