हांगकांग में काम कर रहीं इंडोनेशियाई घरेलू सहायिकाओं (maid) को इस्लामिक स्टेट समूह के चरमपंथी कट्टरपंथी बना रहे हैं. सुरक्षा से जुड़े थिंक टैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई. हांगकांग में करीब 1,50,000 घरेलू सहायक दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया से हैं.
जकार्ता स्थित इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी एनालिसिस ऑफ कॉनफ्लिक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया में बढ़ते धार्मिक रूढ़ीवाद की पृष्ठभूमि में आतंकी घरेलू सहायिकाओं का एक छोटा समूह भी उभर कर सामने आया है.
लेकिन जन अधिकार समूहों और हांगकांग स्थित इंडोनेशिया के मुस्लिम समुदाय ने कहा कि उन्हें कट्टरपंथियों के बारे में जानकारी नहीं है और इस बात का डर है कि ISIS के साथ से जुड़ना संदेह को बढ़ावा देगा.
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इंस्टीट्यूट की जांच में इंडोनेशिया की करीब 45 घरेलू सहायिकाओं के कट्टरपंथी रुझान के बारे में बताया गया है जो ‘अपरिचित माहौल में समुदाय की भावना’ की तलाश में आतंकी नेटवर्क की ओर आकर्षित हो जाती हैं.
विश्लेषक नावा नुरानिया ने कहा, ‘‘इनमें से कुछ महिलाओं का इस ओर रुझान अपने जिहादी प्रेमियों के जरिए हुआ जिनसे उनकी ऑनलाइन मुलाकात हुई थी. लेकिन कुछ इसे सशक्तिकरण की राह मानते हुए ISIS में शामिल हुई.’’
हांगकांग में घरेलू सहायिकाओं के शोषण के कई मामले सामने आए हैं, प्लेसमेंट एजेंसियां उनके पासपोर्ट हथिया लेती हैं, उनकी सैलरी को कब्जा में ले लेती हैं और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में अंधेरे में रखती हैं.
हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक उनके कट्टरपंथ की ओर रूझान को सीधे तौर पर उनके साथ खराब व्यवहार के साथ नहीं जोड़ा जा सकता.
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