पांच करोड़ सैलानी सालाना आगरा-मथुरा में आते हैं, लेकिन मंत्री और अफसर जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने की पैरोकारी कर रहे हैं।
ट्रेवल वेबसाइटों के साथ टूर आपरेटरों की पहली पसंद आगरा है, लेकिन कुछ मंत्री और नेता आगरा से दूर जेवर में एयरपोर्ट की पैरवी में जुटे हुए हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट पर क्षमता से ज्यादा यात्री बताकर जेवर को विकल्प बताया जा रहा है, जबकि आगरा उससे कहीं बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
सिविल सोसायटी ने मंगलवार को यह आरोप लगाए। सोसायटी के शिरोमणि सिंह, राजीव सक्सेना और अनिल शर्मा ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट की क्षमता का आडिट किए बगैर कहा जा रहा है कि जेवर में एयरपोर्ट बनाकर यात्रियों का दबाव कम किया जा सकता है।