इसमें कोई शक नहीं है कि तकनीकी क्रांति ने लोगों की जिंदगी आसान बना दी है, लेकिन जानकारी के अभाव में यही तकनीक लोगों को बड़ा नुकसान भी पहुंचा रही है। सैन फ्रांसिस्को की साइबर सिक्योरिटी कंपनी रिस्कआइक्यू ने इंटरनेट पर हैकिंग की वारदातों के बारे में एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक हैकर्स हर मिनट दुनिया की अर्थव्यवस्था से 10 लाख डॉलर से भी अधिक राशि चुराते हैं। तकरीबन दो हजार लोग हर मिनट साइबर अपराधों के शिकार बनते हैं। पिछले साल साइबर अपराधियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को 600 अरब डॉलर की चपत लगाई थी।
शोधकर्ताओं ने पाया कि हैकर्स विभिन्न कारणों से हैकिंग की वारदात को अंजाम देते हैं। इसमें आर्थिक लाभ, राजनीतिक फायदा और जासूसी शामिल है। कंप्यूटरों में वायरस वाले सॉफ्टवेयर भेजकर, धोखाधड़ी से क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी निकालकर और संस्था के नेटवर्क में सेंध मारकर जासूसी करने वाला कंपोनेंट डालकर हैकर्स साइबर अपराधों को अंजाम देते हैं।