दुनिया में कोई भी कार्य करना असंभव नहीं न ही कठिन है.यह केवल हमारी सोच पर निर्भर करता है. जैसे की यदि हम किसी भी कार्य को करने के लिए अच्छी सोच और पूर्ण विश्वाश के साथ कर्तव्य समझकर आगे बढ़ते है तो एक न एक दिन उचाईयों को हासिल करते है यह एक सात्विक सत्य है. हर एक व्यक्ति के अंदर इतनी शक्ति होती है की वह हर एक कठिन से कठिन कार्य को कर सकता है. बस उसके अंदर जिज्ञासा और विशवास होना चाहिए.
सोच में ही समाया है संसार –
सब कुछ अच्छा है इस दुनिया में
अगर आपने बुराइयां देखने की ठान ली है, तो कैसे अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे? आपको हर कदम पर बुराइयां नजर आएंगी. कहीं करप्शन होगा, कहीं भाई-भतीजावाद, आपको कहीं अवसर नहीं हैं. इससे निराश होकर अपना सिर झुकाने की बजाय नजरें उठाएं. आसमान को देखें. मन के विश्वास को कमजोर न होने दें. हताशा को गुड बाय कह दें.
जो होता है वह अच्छे के लिए ही होता है
दुनिया बहुत बड़ी है और हमारा सोचने का दायरा संकुचित. कई बार हम किसी घटना या चीज के बारे में चाहकर भी अच्छे एंगल से नहीं सोच पाते. हर शख्स की अच्छाइयों पर गौर करना शुरू कर दें. एक बार ऐसा करने लगेंगे, तो हर स्थिति से सहजता से निपट लेंगे.
अच्छा सोचो और लोगों में अच्छा देखो, अच्छा होगा-
पूरी दुनिया अच्छाई से भरी हुई है. पर शायद हमारी आपबीती है या जगबीती, हम किसी अच्छी बात पर आसानी से भरोसा ही नहीं कर पाते. कई बार हम हर अच्छे इंसान में बुराई खोजने लग जाते हैं. कंपनी या बॉस हमारे हित में लाख कदम उठा लें, हमें यकीन ही नहीं होता कि दुनिया में हमारे साथ भी अच्छा हो सकता है. हम बस शक करते रहते हैं. कई बार वास्तविकता में हमारे साथ बहुत बुरा होता है, उस वक्त हम यह क्यों नहीं सोचते कि बुरे समय में बुरा सोचने से तो बुराई घटने की बजाय बढ़ेगी ही. इसलिए कुछ बुरा नहीं, बल्कि अच्छा-अच्छा सोचें. अच्छा सोचने से आपके अंदर सकारात्मकता आती है, जो आपको जीवन में आगे लेकर जाती है.