सेक्स के बारे में जितनी रिसर्च की जाए उतनी ही कम होती है. इसमें कई तरह के रिसर्च हो चुके हैं और आगे भी होते ही रहेंगे. इस बात की जानकारी दे दें कि हमारे शरीर में सेक्स ड्राइव यानी कामेच्छा दो तरह की होती है. अगर नहीं पता हो तो हम बता दें, पहली जो हमारे दिमाग में होती है और दूसरी हमारे शरीर में.
बॉडी और माइंड के बीच सामंजस्य है जरूरी
दिमाग में शुरू होने वाली सेक्स ड्राइव को spontaneous desire यानी स्वाभाविक इच्छा कहते हैं जबकि शरीर में होने वाली कामेच्छा को responsive desire यानी उत्तरदायी या प्रतिक्रियाशील इच्छा कहते हैं. साइंस की मानें तो आपके अंदर सेक्स की क्रेविंग उत्पन्न हो इसके लिए आपकी बॉडी और माइंड दोनों के बीच सामंजस्य होना जरूरी है. लेकिन इनका समय अलग होता है. जानते हैं उनके बारे में.
क्या है spontaneous desire?
यह स्थिति एक मेंटल अलर्ट की तरह होती है. उदाहरण के लिए आप अपने ऑफिस में बैठे हैं या फिर आप डिनर बनाने की तैयारी कर रहीं हैं और अचानक आपके दिमाग में आज सेक्स करने का आइडिया आता है और आपको ऐसा महसूस होता है कि आपको सेक्स की जरूरत है. कई बार इस तरह की मानसिक उत्तेजना पॉर्न देखने के दौरान भी शुरू हो सकती है. एक स्टडी की मानें तो पुरुषों में स्वाभाविक सेक्स ड्राइव यानी वैसी कामेच्छा जो दिमाग में पहले शुरू होती है, महिलाओं की तुलना में ज्यादा होती है.
responsive desire क्या होता है?
जब दिमाग से पहले आपके शरीर में सेक्स करने की इच्छआ उत्पन्न होती है तो उसे responsive desire या प्रतिक्रियाशील इच्छा कहते हैं. इस दौरान पुरुषों को उनके प्राइवेट पार्ट में इरेक्शन महसूस होता है तो वहीं महिलाओं को उनके प्राइवेट पार्ट में सिहरन जैसी संवेदना महसूस होने लगती है. इसका मतलब यह है कि इससे पहले कि आपका दिमाग सेक्स करने के लिए तैयार हो या इसके बारे में सोचे आपका शरीर पहले ही उसके लिए तैयार हो जाता है. पुरुषों में जहां spontaneous desire ज्यादा होता है वहीं, महिलाओं में responsive desire अधिक होता है.