हरियाणा के बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही। बरोदा सीट पर कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने भाजपा के पहलवान योगेश्वर दत्त को 10566 वोटों से हरा दिया। इस तरह एक साल में योगेश्वर दत्त दोबारा बरोदा से चुनाव हारे हैं और इस बार हार का अंतर भी दोगुने से ज्यादा हो गया। योगेश्वर दत्त को जहां 50070 वोट मिले, वहीं इंदुराज नरवाल 60636 वोट लेने में कामयाब रहे।
भाजपा ही नहीं, बरोदा उपचुनाव में संजीवनी मिलने की उम्मीद जता रही इनेलो को बड़ा झटका लगा है। उसके प्रत्याशी जोगेंद्र मलिक को केवल 5003 वोट मिले और वह अपनी जमानत गंवा बैठे। इनेलो से ज्यादा लोसुपा के राजकुमार सैनी 5611 वोट पाने में कामयाब रहे लेकिन वह भी अपनी जमानत जब्त होने से नहीं बचा सके।
बरोदा हलके के चुनावी दंगल में भाजपा ने पहलवान योगेश्वर दत्त पर दांव खेला था। वहीं कांग्रेस ने नए चेहरे इंदुराज नरवाल को मैदान में उतारा था। इनेलो ने भी अपने पुराने प्रत्याशी जोगेंद्र मलिक को प्रत्याशी बनाया था। उपचुनाव होने के कारण पूरे प्रदेश की राजनीति का बरोदा पर फोकस था। कांग्रेस यहां से लगातार चौथी बार जीत दर्ज करना चाहती थी, ताकि उसका गढ़ बरोदा बचा रहे।
इसके लिए ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व उनके बेटे राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने पूरा जोर लगा दिया था। वहीं बरोदा से भाजपा पहली बार जीत दर्ज करके इतिहास रचना चाहती थी। इसके लिए सरकार के सभी मंत्रियों के साथ ही सीएम मनोहर लाल व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तक प्रचार में जुटे थे।
भाजपा ने नेताओं की पूरी फौज मैदान में उतारी थी, लेकिन पहले ही राउंड में भाजपा के योगेश्वर दत्त पीछे हो गए। पहले ही राउंड से पिछड़े योगेश्वर दत्त कभी आगे नहीं निकल सके और इंदुराज नरवाल जीत दर्जकर कांग्रेस का गढ़ बचाने में कामयाब रहे। इस तरह बरोदा विधानसभा सीट पर इतिहास रचते हुए कांग्रेस ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की।