लखनऊ। प्रदेश में हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग क्षेत्र में पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। कई प्रदेशों के उद्यमी सूबे में अपना उद्योग लगाना चाहते हैं। जब से नई टेक्सटाइल्स नीति आई है तब से बहुत सारे उद्यमी यूपी में निवेश के लिए देखने लगे हैं। 21 व 22 फरवरी को होने वाली इंवेस्टर्स समिट में इस क्षेत्र के कई छोटे-बड़े उद्यमियों से एमओयू होने हैं।
प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मुकुल सिंघल ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि टेक्सटाइल्स व गारमेंट के क्षेत्र में पांच वर्षों में एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। कानपुर की जूट मिल सहित ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन की मिलों को फिर से शुरू कराने के लिए सरकार सकारात्मक सोच रखती है। जल्द ही इनका भी हल निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मुंबई व अहमदाबाद में हुए रोड शो में बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था।
अहमदाबाद के बहुत से कपड़ा व्यवसायी यूपी में निवेश के इच्छुक हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी आने के बाद उद्यमी वहां जा रहे हैं जहां उन्हें सुविधाएं ज्यादा मिल रही हैं। हमारी नीति इतनी अच्छी है कि दूसरे प्रदेशों के उद्यमी यूपी में उद्योग लगाने की इच्छा जता रहे हैं। रेडीमेड गारमेंट के क्षेत्र में निवेश की काफी अधिक संभावनाएं हैं। सरकार छोटे उद्यमियों को यहां उद्योग लगाने पर स्टेट जीएसटी का 90 फीसदी हिस्सा वापस कर रही है।
बरेली, फर्रुखाबाद व यमुना-एक्सप्रेस वे में बनेंगे टैक्सटाइल्स पार्क
मुकुल सिंघल ने बताया कि प्रदेश सरकार बरेली, फ र्रुखाबाद के साथ ही यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक-एक टेक्सटाइल्स पार्क बनाने जा रही है। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे में नोएडा अपेरल एक्सपोर्ट क्लस्टर ने जमीन मांगी है। यह भी टेक्सटाइल्स पार्क विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि कानपुर व पश्चिम यूपी में भी निवेश के लिए बहुत से उद्यमियों ने अपनी इच्छा जताई है।
आवास में 1500 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद
प्रमुख सचिव आवास मुकुल सिंघल ने बताया कि आवास के क्षेत्र में भी 1500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। इसमें गरीबों के लिए अच्छे आवास बनाए जाएंगे। कई बड़े बिल्डरों ने इस क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई है। इंवेस्टर्स समिट में इसके लिए एमओयू होंगे।
पीपीपी मॉडल पर मेट्रो चलाने की भी जताई इच्छा
मुकुल सिंघल ने बताया कि कई उद्यमियों ने पीपीपी मॉडल पर मेट्रो के संचालन में भी रुचि दिखाई है। कानपुर, आगरा व मेरठ तीनों ही जगह के लिए कुछ उद्यमी सामने आए हैं। यदि एक जगह पीपीपी मॉडल पर मेट्रो के संचालन के लिए एमओयू हो गया तो 15 हजार करोड़ का निवेश एक बार में ही आ जाएगा।