नई टिहरी : थाना हिंडोलाखाल के झनाऊ गांव में बुजुर्ग पारेश्वर प्रसाद भट्ट की हत्या गांव के ही वीजा दास ने की थी। पुलिस के मुताबिक पारेश्वर प्रसाद के डांटने और फटकारने से नाराज होकर वीजा दास (40) पुत्र अषाढ़ दास ने उनकी हत्या कर दी थी। उसके बाद उनके घर में आलमारी को कुल्हाड़ी से काटकर उसमें रखी नगदी और कुछ जेवर लूट लिए थे। इस दौरान आलमारी में हाथ कटने की वजह से वीजा दास का खून भी घटनास्थल पर गिर गया था। इसके आधार पर ही पुलिस ने बीजा दास को गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी टिहरी विमला गुंज्याल ने पत्रकारों को बताया कि 23 फरवरी को झनाऊ गांव के पारेश्वर प्रसाद की उनके खेतों में पाठल से सिर पर वारकर हत्या कर दी गई थी। उनके घर में रखी आलमारी भी काटकर उसमें नगदी और जेवर लूट लिए थे। इस मामले की जांच में पुलिस ने फोरेंसिक विशेषज्ञ बुलाए। जांच में पता चला कि आलमारी काटते वक्त वहां पर खून पड़ा है।
इससे पुलिस समझ गई कि हत्या और आलमारी काटने वाले को भी इस दौरान चोट आई है और वहां पर खून गिरा है। गांव में ही हल और मजदूरी करने वाले वीजा दास पर शक हुआ। उसके बाद जब उसके हाथ में चोट का निशान देखा तो पुलिस ने उसी आधार पर जांच की तो पता चला कि घटना वाले दिन ही उसने वहीं पास में ही एक डॉक्टर से अपने हाथ पर लगी चोट में टांके लगवाए। एसएसपी ने बताया कि आलमारी काटने के बाद उसमें से सामान निकालने के दौरान वीजा दास का हाथ भी कट गया था। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली। एसएसपी ने बताया कि पारेश्वर दास ने पहले कभी वीजा दास को डांटा फटकारा था।
इसके कारण वीजा दास पारेश्वर प्रसाद से नाराज रहता था। घटना वाले दिन उनकी पत्नी बाजार गई थी तो वीजा दास ने मौका देखकर पाठल से वारकर उनकी हत्या कर दी और जेवर व नगदी लूट लिए। पुलिस ने पाठल, जेवर और नगदी वीजा दास के घर से बरामद कर लिए हैं। वीजा दास कुंवारा था और घर में अकेला ही रहता था। वीजा दास को न्यायालय में पेश किया गया है जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। केस खोलने वाली टीम को दस हजार रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
गांव में रहने वाले बुजुर्गो पर रहेगा ध्यान
जिले के गांवों में कई ऐसे बुजुर्ग हैं जो अपने घरों में अकेले रह रहे हैं। एसएसपी ने बोला कि गांव में ग्राम प्रहरियों आदि की समय-समय पर बैठक की जाती है। उन्हें संदिग्ध लेागों पर नजर रखने और बुजुर्गो पर ध्यान देने के लिए कहा जाता है। वहीं गांव में आने वाले फेरी वाले, नेपाली और अन्य लोगों का सत्यापन भी किया जाता है। ग्रामीणों को भी इन मामलों में सतर्क रहने की जरूरत है।