पहले दो साल तक बच्चों को स्तनपान कराने से हर साल पांच साल तक की आयु के 8,20,000 से अधिक बच्चों की जाने बच सकती हैं. हाल ही में डब्ल्यूएचओ - यूनीसेफ ने ये जानकारी दी है. क्या कहना है डब्ल्यूएचओ का- स्तनपान को बढ़ावा देने के मकसद से ये जानकारी साझा की गई है. यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा एच फोरे का कहना है कि स्तनपान कराने से आईक्यू , स्कूल जाने में तत्परता और उपस्थिति बेहतर होती है और यह वयस्क जीवन में उच्च आय से जुड़ा है. इससे मां को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है. उन्होंने कहा कि इससे दुनियाभर में स्तनपान की दरों में सुधार किया जा सकता है और बच्चों को जीवन में अच्छी शुरुआत दी जा सकती हैं. दिए गए हैं ये दिशा निर्देश- दिशा निर्देशों में स्तनपान की जगह दूसरे दूध के सीमित इस्तेमाल, ब्रेस्टफीडिंग, बोतल के इस्तेमाल पर अभिभावकों को शिक्षित करने और अस्पताल से मां - बच्चे को छुट्टी मिलने के बाद उन्हें सहयोग देने की सिफारिश भी की गई है.

स्‍तनपान करवाकर बचाई जा सकती हैं जानें

पहले दो साल तक बच्चों को स्तनपान कराने से हर साल पांच साल तक की आयु के 8,20,000 से अधिक बच्चों की जाने बच सकती हैं. हाल ही में डब्ल्यूएचओ – यूनीसेफ ने ये जानकारी दी है.पहले दो साल तक बच्चों को स्तनपान कराने से हर साल पांच साल तक की आयु के 8,20,000 से अधिक बच्चों की जाने बच सकती हैं. हाल ही में डब्ल्यूएचओ - यूनीसेफ ने ये जानकारी दी है.   क्या कहना है डब्ल्यूएचओ का- स्तनपान को बढ़ावा देने के मकसद से ये जानकारी साझा की गई है. यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा एच फोरे का कहना है कि स्तनपान कराने से आईक्यू , स्कूल जाने में तत्परता और उपस्थिति बेहतर होती है और यह वयस्क जीवन में उच्च आय से जुड़ा है. इससे मां को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है. उन्होंने कहा कि इससे दुनियाभर में स्तनपान की दरों में सुधार किया जा सकता है और बच्चों को जीवन में अच्छी शुरुआत दी जा सकती हैं.   दिए गए हैं ये दिशा निर्देश- दिशा निर्देशों में स्तनपान की जगह दूसरे दूध के सीमित इस्तेमाल, ब्रेस्टफीडिंग, बोतल के इस्तेमाल पर अभिभावकों को शिक्षित करने और अस्पताल से मां - बच्चे को छुट्टी मिलने के बाद उन्हें सहयोग देने की सिफारिश भी की गई है.

क्या कहना है डब्ल्यूएचओ का-
स्तनपान को बढ़ावा देने के मकसद से ये जानकारी साझा की गई है. यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा एच फोरे का कहना है कि स्तनपान कराने से आईक्यू , स्कूल जाने में तत्परता और उपस्थिति बेहतर होती है और यह वयस्क जीवन में उच्च आय से जुड़ा है. इससे मां को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है. उन्होंने कहा कि इससे दुनियाभर में स्तनपान की दरों में सुधार किया जा सकता है और बच्चों को जीवन में अच्छी शुरुआत दी जा सकती हैं.

दिए गए हैं ये दिशा निर्देश-
दिशा निर्देशों में स्तनपान की जगह दूसरे दूध के सीमित इस्तेमाल, ब्रेस्टफीडिंग, बोतल के इस्तेमाल पर अभिभावकों को शिक्षित करने और अस्पताल से मां – बच्चे को छुट्टी मिलने के बाद उन्हें सहयोग देने की सिफारिश भी की गई है.

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