नई दिल्ली प्रत्येक खेल पीढ़ी में सर्वोच्च खिलाड़ियों में गरमा-गरम बहस होती है। फैंस खुद को अलग-अलग समूह में बांट लेते हैं, और उन्हें एक दूसरे से श्रेष्ठ बताकर ऊपरी क्रम में रखने का प्रयास करते हैं।
सैमप्रस बनाम अगासी, निकोलस बनाम पालमर, लारा बनाम तेंदुलकर, इस प्रकार एक महान खिलाड़ी की दूसरे से तुलना करने की हमारी प्रवृति बनी हुई है। जनता हमेशा एक विजेता देखना चाहती है, दो स्वर्ण पदक नहीं हो सकते।
क्रिकेट फैंस में कई इस बात के गवाह है कि चार सज्जन खिलाड़ियों के बीच में कड़ा मुक़ाबला है, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। टेस्ट मैचों में भारत के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ, न्यूजीलैंड के विलियमसन और इंग्लैंड के जो रूट से काफी मिलते-जुलते हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से पहले चेन्नई के चेपक स्टेडियम में मीडिया से बात करते हुए विराट कोहली ने कहा कि टॉप खिलाड़ियों में तुलना बहस के लिए अच्छा है लेकिन व्यक्तिगत प्रदर्शन खराब होने पर यह राह भटकने जैसा होता है। कोहली हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 50 से ऊपर औसत से रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं, टेस्ट में 50 का औसत उन्होने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के विरुद्ध मौजूदा सीरीज के चौथे टेस्ट में 235 रनों की पारी से पाया।
दिल्ली के रहने वाले इस खिलाड़ी के अनुसार “मैं इन चीजों पर ध्यान नहीं देता, यह सब बड़े पैमाने पर व्याकुल करने वाली बातें है, जब आप अच्छा कर रहे हों, तब रैंकिंग और लोगों की प्रतिक्रिया और दौड़ में खुद को देखना चाहते हो। लेकिन जब आप अच्छा नहीं कर रहे होते हैं, तो यही दांव उल्टा पड़ता है, मैं इन चीजों से पूर्णतया अलग हूं।
कोहली ने स्मिथ, विलियमसन और रूट के बारे में कहा “ये सभी खिलाड़ी वर्ल्ड क्लास है और मैं हमेशा उन्हें मुझसे बेहतर मानता हूं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में जिस तरह इन्होंने पिछले एक या दो सत्रों में प्रदर्शन किया है, मैं अपनी सीमाओं को समझता हूं।