रविवार को लॉकडाउन 3.0 की मियाद खत्म और सोमवार से 4.0 की शुरू हो जाएगी। लॉकडाउन 4.0 की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद देश की जनता के नाम संदेश में कर चुके हैं।
अब गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों का इंतजार भर है। लॉकडाउन 4.0 में लॉकडाउन जैसा बहुत कम रहेगा। अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि शुक्रवार तक तमाम राज्यों ने इसके बारे में अपने सुझाव से केंद्र को अवगत करा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा के दौरान राज्यों ने कई अधिकार मांगे थे और समझा जा रहा है कि प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि राज्य अपने क्षेत्र में क्या खोलना है और क्या बंद करना है, जैसे निर्णय खुद करें।
छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल समेत कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से राज्य में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए राज्यों को अधिकृत करने की सुविधा मांगी थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, केरल के पिनराई विजयन, कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा राज्य में आर्थिक गतिविधियों खोलने के पक्ष में हैं।
पिनराई विजयन तो केरल में रेस्टोरेंट, होटल समेत अन्य से भी पाबंदियां हटा लेने के पक्ष में हैं। आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी भी चाहते हैं कि रणनीतिक तैयारी के साथ कोविड-19 संक्रमण से निबटा जाए और आर्थिक गतिविधियां भी शुरू हों।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सदर बाजार, चांदनी चौक समेत तमाम व्यापारिक क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन आदि का काम शुरू तेज कर दिया है।
वह चाहते हैं कि कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर शेष सभी जोन में काम काज में गति लाई जाए। उपराज्यपाल अनिल बैजल को दिल्ली की जनता से आए 5.5 लाख सुझावों में चुनकर अपनी सिफारिश भी भेज दी है। कर्नाटक, केरल, गोवा, छत्तीसगढ़ में कोविड-19 का संक्रमण फिलहाल काबू में है।
बिहार, उड़ीसा, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, झारखंड लॉकडाउन की कर रहे हैं वकालत
आवाजाही बढ़ेगी तो संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। यह डर राजस्थान, बिहार, झारखंड, उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, तेलंगाना को है। पंजाब के मुख्यमंत्री का भी मानना है कि अभी अधिक आवाजाही शुरू करने का समय नहीं आया है।
महाराष्ट्र, असम भी आवाजाही में अधिक ढील दिए जाने के पक्ष में नहीं हैं। हलांकि महाराष्ट्र ने मजदूरों के लिए मुंबई में लोकल ट्रेन चलाने की मांग की थी। महाराष्ट्र मुंबई, पुणे और उपनगरीय क्षेत्रों में पाबंदी का पक्षधर है।
गुजरात आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के पक्ष में है, लेकिन जिला केंद्रों को लेकर संवेदनशील है। तमाम राज्यों में दूसरे राज्यों से किसी कारण से आए लोग लॉकडाउन के बाद से फंसे हैं।
लगभग सभी राज्य चाहते हैं कि इन लोगों को अपने मूल राज्य में जाने की इजाजत दे दी जाए। इसके लिए रेल, टैक्सी या सीमित संख्या में सही आटोरिक्शा के चलने की इजाजत दी जाए।
केरल ने टैक्सी के परिचालन का मॉडल भी तैयार कर लिया है। तमिलनाडु में अचानक कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में कोविड संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। राजस्थान की चिंता में कोई कमी नहीं आई है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा में प्रवासी संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती हैं।
केंद्र सरकार लॉकडाउन, पाबंदी और इसके बाबत पैदा हो रही आम लोगों की नाराजगी से बचना चाह रही है। इसका कारण कई क्षेत्रों को अव्यावहारिक तरीके से कंटेनमेंट जोन (हॉट स्पॉट) या फिर रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन घोषित करना रहा है।
समझा जा रहा है कि इस बार सरकार हॉट स्पॉट को कैसे डील करना है, यह अधिकार राज्यों को दे सकती है। राज्य अपने हिसाब से लोगों की आवाजाही, आर्थिक गतिविधियों को खोलने आदि का निर्णय ले सकते हैं।
कंटेनमेंट जोन में भी लॉकडाउन 3.0 की तुलना में सहूलियत मिलने के आसार हैं। ग्रीन जोन में सावधानी के बाबत आंशिक पाबंदी, ऑरेंज जोन में भी काफी सहूलियतें दी जा सकती हैं।
अधिकारियों के अनुसार नाई की दुकान, स्पॉ, मॉल या मार्केट कांप्लेक्स, स्कूल, सिनेमा हॉल को खोले जाने की गुंजाइश कम है। आटो, टैक्सी, परिवहन सेवा को शर्तों के साथ सीमित पैमाने पर खोला जा सकता है।
रेस्टोरेंट आदि होम डिलीवरी सेवा के साथ ही चलने के आसार हैं। होटल व्यवसाय को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। किराना, दवाई, सब्जी, जनरल स्टोर, कॉपी किताब, बिजली या इलेक्ट्रानिक दुकानों के साथ-साथ अब कपड़े, प्लास्टिक , गिफ्ट आइटम समेत अन्य को शर्तों के साथ खोलने की अनुमति मिल सकती है।
इसके लिए ऑड-ईवन या फिर क्षेत्रवार जैसा कोई निर्णय हो सकता है। हवाई सेवा को शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय तैयारी कर रहा है।
एयर इंडिया ने फ्लाइट का शेड्यूल बनाना शुरू किया है। रेलवे और मेट्रो रेल सेवा को धीरे-धीरे तैयारी के साथ खोला जा सकता है।
अंतरराज्यीय बस सेवा को शुरू करने को लेकर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय भी तैयार है, लेकिन अभी कोई अंतिम राय नहीं बन सकी है। लेकिन राज्य में जिला स्तर पर शर्तों के साथ बसें चल सकती हैं।
देश की एमएसएमई से लेकर बड़ी औद्योगिक कंपनियों में कामकाज शुरू करने की योजना तैयार हो रही है। एमएसएमई समेत सबकी चिंता पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर है।
इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जब तक कामगारों की आवाजाही शुरू नहीं होगी तब उत्पादन क्षेत्र में कामकाज मुश्किल है। यही चिंता उद्योग, व्यापार मंडलों की भी है। इस चिंता को एमएसएमई मंत्रालय भी समझ रहा है। समझा जा रहा है कि लॉकडाउन 4.0 में इसे ध्यान में रखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यह हिदायत बार-बार दे रहे हैं। बाजार में भीड़भाड़ पर प्रतिबंध जारी रहेगा। दो गज की दूरी, सैनिटाइजर या साबुन से हाथ धोना, मास्क या फिर गमछा, तौलिया का इस्तेमाल अनिवार्य शर्त रहेगी।
वरिष्ठ सूत्र का कहना है कि इसमें लापरवाही बरते जाने पर जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है। बताते हैं रविवार तक नई एडवाइजरी आ जाने के पूरे आसार हैं।