भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे सोमवार को 28 से 30 दिसंबर तक की यात्रा के दौरान दक्षिण कोरिया (South Korea) के लिए रवाना हुए. उनके इस दौरे का मुख्य मकसद दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करना है. सेना प्रमुख की यह यात्रा भारत और दक्षिण कोरिया के बीच बढ़ते सामरिक संबंधों और रक्षा क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खोलने के रूप में देखी जा रही है. जनरल नरवणे इस दौरान दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ सैन्य और राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करेंगे.
जनरल नरवणे राजधानी सियोल (Seoul) में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करेंगे. वह दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख, संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष, और रक्षा अधिग्रहण योजना प्रशासन (DAPA) से मुलाकात करेंगे, जहां भारत-कोरिया रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा होगी. सेना प्रमुख कोरिया कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर, गैंगवॉन प्रांत और डेयजोन में एडवांस डिफेंस डेवलपमेंट (ADD) का भी दौरा करेंगे.
इससे पहले, जनरल नरवणे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की ऐतिहासिक यात्रा कर चुके हैं. महत्वपूर्ण खाड़ी देशों (Gulf countries) की भारतीय सेना के प्रमुख द्वारा की गई यह पहली यात्रा थी. पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच के संबंधों में सुधार आया है. मालूम हो कि सऊदी अरब ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है और भारत कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 18 प्रतिशत वहीं से आयात करता है.
दोनों देशों के बढ़ते संबंधों के तहत सऊदी अरब ने पिछले साल भारत में पेट्रोकेमिकल, बुनियादी ढांचे और खनन सहित अलग-अलग क्षेत्रों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना की घोषणा की थी. एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में, पिछले साल दोनों देशों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी परिषद की स्थापना करने का फैसला किया था.