सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने साफ संकेत दिए हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सेना का ऑपरेशन जारी रहेगा। उन्होंने प्रांत में शांति कायम करने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए राजनीतिक पहल के साथ-साथ सैन्य ऑपरेशन भी जारी रहना चाहिए। सीमा पार से आतंकवाद रोकने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए जनरल रावत ने सेना की आक्रामक कार्रवाई पर भी जोर दिया। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी सेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान से घुसपैठ की कोशिशों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। सेना प्रमुख की चेतावनी के बाद पाकिस्तान ने गीदड़भभकी देनी शुरू कर दी। इस बीच, रविवार को एक विशेष साक्षात्कार में सेना प्रमुख ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में मौजूद सशस्त्र बल वर्तमान स्थिति में ही बने नहीं रह सकते हैं, उन्हें हालात का सामना करने के लिए नई रणनीति और युद्ध-नीति विकसित करने की जरूरत है।
शांति के लिए सुझाया फॉर्म्युला
जनरल रावत ने कहा, ‘राजनीतिक पहल और दूसरे सभी उपाय साथ-साथ चलने चाहिए और जब हम सभी मिलकर काम करेंगे तभी कश्मीर में शांति की स्थापना की जा सकती है। हमें राजनीतिक-सैन्य अप्रोच अपनाने की जरूरत है।’ गौरतलब है कि अक्टूबर में सरकार ने IB के पूर्व प्रमुख रह चुके दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर में सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए अपना वार्ताकार नियुक्त किया था।
इस पर आर्मी चीफ ने कहा, ‘जब सरकार ने अपनी ओर से वार्ताकार नियुक्त किया था, इसका एक मकसद था। वह सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कश्मीर के लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे और यह देखेंगे कि उनकी शिकायतें क्या हैं, जिन्हें राजनीतिक स्तर से सुलझाया जा सकता है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या कश्मीर में आतंकियों को भेजने से रोकने के लिए पाकिस्तान पर और दबाव बनाने की जरूरत है, उन्होंने कहा, ‘हां, आप एक ही स्थिति में बने नहीं रह सकते हैं। आपको लगातार सोचना होगा और आगे बढ़ते जाना होगा। आपको अपने सिद्धांतों और उन तरीकों को जिससे आप इन इलाकों में काम करते आए हैं, बदलते रहना होगा।’
हाल में आर्मी चीफ ने कहा था कि पाकिस्तान में आतंकवादी केवल इस्तेमाल करके फेंकने की चीज हैं। भारतीय सेना का नजरिया यह सुनिश्चित करना रहा है कि उसे दर्द का अहसास हो। गौर करने की बात यह है कि पिछले साल की शुरुआत से ही सेना ने जम्मू-कश्मीर में आक्रामक ऐंटी-टेरर पॉलिसी पर काम करना शुरू किया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से LoC पर की जा रही गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।
जनरल रावत ने कहा, ‘कश्मीर मसले को सुलझाने के तंत्र का सेना केवल एक हिस्सा है। हमारा मकसद आतंकियों को रोकना और कट्टरपंथ के रास्ते जा रहे लोगों को बचाकर शांति के रास्ते पर लाना है।’ जनरल रावत ने बताया कि कुछ स्थानीय युवाओं को कट्टरता के रास्ते पर ले जाने की कोशिश हो रही है और वे आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। इससे निपटने के लिए सेना आतंकी सगठनों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।