नई दिल्ली: राजनीति में कब दोस्त दुश्मन बन जाए और कब दुश्मन दोस्त कुछ कह नहीं सकते. कभी एक-दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाले धुर विरोधी भी गले लग जाते हैं, तो कभी सहयोगियों के बीच भी दूरियां बढ़ जाती हैं कि गले लगना तो दूर आसपास मौजूद रहना भी नागवार गुजरता है.
कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला बिहार के मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बीच. मौका था बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के बेटे की शादी का. इस विवाह समारोह में लालू-नीतीश दोनों ही पहुंचे. यहां भी दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव देखने को मिला. करीब दो घंटे तक दोनों नेता आसपास ही बैठे रहे लेकिन एक-दूसरे से बातचीत नहीं की. दोनों नेताओं के बीच आए फासले का अंदाजा उनके बीच की खाली 20 कुर्सियों से भी लगाया जा सकता था.
सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष की शादी रविवार को कोलकाता निवासी नवलजी केदारनाथ जी वर्मा की बेटी यामिनी के साथ संपन्न हुई. पटना के वेटनरी कॉलेज के मैदान में आयोजित इस विवाह समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति पहुंचे थे.
अतिथियों में कई राज्यों के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रीगण, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष, विधान परिषद के उप सभापति, राज्य सरकार के मंत्रीगण के साथ-साथ सुशील मोदी के सबसे बड़े विरोधी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी शादी में शामिल होकर वर-वधू को आशीर्वाद दिया. कार्यक्रम में पहुंचते ही लालू ने सुशील मोदी से मुलाकात की और उन्हें बेटे की शादी की बधाई दी.
लालू के बेटे तेज ने दी थी धमकी
बता दें कि लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव + ने धमकी दी थी कि वह शादी के मौके पर सुशील मोदी के घर में घुसकर मारेंगे. उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि वह शादी में पहुंचकर सुशील मोदी की पोल खोल देंगे. बाद में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुशील मोदी ने कहा था कि वह तो लालू यादव के बच्चों की शादियों में शांतिपूर्वक शामिल होते रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि लालू इस मुद्दे पर अपने बेटे से बात करेंगे.