स्थानीय महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने पर हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने की तैयारी कर रही है। साथ ही अन्य राज्यों में महिलाओं को दिए जा रहे आरक्षण का भी अध्ययन करेगी।कार्मिक विभाग के एक अफसर ने बताया कि हाईकोर्ट के ताजा आदेश का न्याय विभाग से परीक्षण करा लिया गया है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष रिट याचिका दाखिल करने पर उच्चस्तर पर लगभग सहमति बन गई है। इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है और ऐसे तथ्य जुटाए जा रहे हैं, जिससे यह बात पुष्ट हो सके कि उत्तराखंड में महिलाओं के लिए नौकरियों में आरक्षण क्यों जरूरी है।
इसके लिए सामाजिक, शैक्षिक और अन्य पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा।उत्तराखंड में लगभग आधे वोटर महिलाएं हैं, जो चुनावों में निर्णायक साबित होती हैं। लिहाजा, कोई भी राजनीतिक दल इस वर्ग को नाराज नहीं करना चाहता। इसलिए राज्य सरकार भी ठोस पैरवी के लिए प्रमाण जुटा रही है।
कई राज्यों में नियम
पंजाब, मध्य प्रदेश राजस्थान, बिहार, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में भी महिलाओं के लिए आरक्षण का नियम है। पंजाब में 33 और बिहार में 35 फीसदी आरक्षण बताया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि इन राज्यों सेे भी आरक्षण का ब्योरा जुटाया जा रहा है।
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