भारतीय ट्रेन हमेशा लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी रही है। चाहे वो अपनी लेट लतीफी हो या फिर आए दिन होने वाले एक्सीडेंट लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ की किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। आलम ये हुआ की बिना स्टॉपेज के ट्रेन को रोकना पड़ा और घंटों तक लगकर महिला को निकलने के लिए बाथरूम को गैस कटर से काटना पड़ा। घंटों ट्रेन को स्टेशन में खडा रखना पड़ा। इस दौरान अधिकारियों की सांसें फूली रहीं।
दरअसल यूपी के अमेठी जिले के कस्बा निहालगढ़ के गांव कानडी की रहने वाली महिला राजरानी अहमदाबाद सुल्तानपुर सुपरफास्ट ट्रेन के स्लीपर क्लास में सफर कर रही थी। अहमदाबाद से ट्रेन में सवार होकर अमेठी के लिए निकली थी। ट्रेन बरेली स्टेशन से लखनऊ के लिए निकली थी। ट्रेन सीधे बरेली से चलने के बाद लखनऊ रुकती है। इस दौरान जब ट्रेन शाहजहांपुर पहुंचने वाली थी। तभी महिला अपने बेटे को टॉयलेट के लिए लेकर गई। लेकिन उसे क्या मामलू था की एक बड़ी घटना उसके साथ घटने वाली है। महिला बाथरूम का दरवाजा खोलकर निकलने वाली थी कि तभी एक झटका लगा और महिला बाथरूम में ही गिर गई। महिला उठने की कोशिश कर रही थी, कि उसका पैर बाथरूम के पॉट में लगे पाइप में घुस गया। बाथरुम करने आई एक महिला ने जब देखा तो महिला की चीख निकल गई। महिला दर्द से कराह रही थी। यात्रियों ने घटना की जानकारी टीटी को दी। जिसके बाद लोगों ने ट्रेन की चेन पुलिंग कर बीच में रुकवाया और कंट्रोल रूम को जानकारी दी।
महिला के साथ हुई घटना के बाद रेल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गयी। कंट्रोल रूम ने स्टेशन अधीक्षक ओमशिव अवस्थी को जानकारी देकर घटना से अवगत कराया। ट्रेन को दोपहर सवा 12 बजे प्लेटफार्म एक की रेल लाइन पर लिया गया। अधिकारियों ने पाइप काटने के लिए गैस कटर आदि का इंतजाम किया। घंटों बाद कर्मचारियों को सफलता मिली और गैस कटर से पाइप को काट दिया। पाइप का टुकड़ा अलग गया। राजेन्द्र ने अपनी पत्नी का एक पैर सुरक्षित निकाल लिया।
महिला के पति राजेंद्र कुमार ने रेल अधिकारियों, आरपीएफ व जीआरपी क एसओ को बताया कि अहमदाबाद में थाना काड़वा में मैडोगर आश्रम है। वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ आश्रम में काम करता है। उसका काम है कि जो बाहर से लोग आते हैं, उनकी सेवा करना। वह छह माह से आश्रम में काम करता है। वह अपने घर निहालगढ़ जा रहा था।