पांच सिंह साहिबान की बैठक में सुखबीर बादल के साथ साथ वर्ष 2015 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, आंतरिक कमेटी और अकाली दल की कोर कमेटी में शामिल सभी सदस्यों को भी तलब किया गया है। अकाल तख्त साहिब के सचिवालय ने एक पत्र जारी किया है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और अन्य नेताओं के मामले को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने दो दिसंबर को पांच सिंह साहिबान की बैठक बुला ली है। इस बैठक में जत्थेदार ने सुखबीर सिंह बादल और अन्य को बुलाया गया है।
संभावना है कि इस दिन जत्थेदार तनखाहिया घोषित किए गए सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक सजा सुना सकते हैं। इसके साथ ही वर्ष 2007 से 2017 तक कैबिनेट का हिस्सा रहे सिख मंत्रियों को भी तलब किया गया है। इस दौरान वर्ष 2015 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, आंतरिक कमेटी और अकाली दल की कोर कमेटी में शामिल सभी सदस्यों को भी तलब किया गया है।
अकाल तख्त साहिब के सचिवालय ने एक पत्र जारी किया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को भी सभी सचिवों के साथ श्री अकाल तख्त साहिब के सामने उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। दो दिसंबर को ही श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह और तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
सुखबीर मामले में पांच डेरा प्रमुखों ने जत्थेदार को लिखा पत्र
वर्तमान में पांच तख्त साहिबों के गौरव को पुन बहाल करने के लिए पांच डेरों के मुखियों ने एक पत्र श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को लिखा है। कहा कि सुखबीर बादल को सजा देते समय यह ध्यान रखा चाहिए कि तख्त साहिबों के गौरव को किसी तरह की आंच न आए।
सारा पंथ भविष्य की चिंता में सिंह साहिबों की ओर देखते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के नेतृत्व में गुरसिखी परंपराओं के पुनरुद्धार की आशा कर रहा है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के मामले को लेकर बाबा सर्बजोत सिंह बेदी, संत सेवा सिंह रामपुर खेड़ा साहिब, संत हरि सिंह रंधावे वाले, संत लखवीर सिंह रतवाड़ा साहिब और संत गुरदेव सिंह ने जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को पत्र लिखा है कि पिछले दिनों सिख समुदाय के धार्मिक और राजनीतिक नेतृत्व द्वारा सिख सिद्धांत की अनदेखी करके लिए गए फैसलों के कारण पूरा समुदाय बहुत गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहा है।
जिसके कारण पंथ के संगठन राष्ट्रीय आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में तख्त साहिबों की गौरवशाली आभा को पुन स्थापित करने के लिए मानवीय सोच से परे स्थितियां पैदा कर पंथ के मुखिया ने इन समस्याओं के समाधान की बहुत बड़ी जिम्मेदारी अपने कंधों पर डाल ली है।
वर्तमान स्थिति में, जिस प्रकार सिंह साहिबों ने सिख सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं किया है और सभी दबावों को नजरअंदाज करके सिख नैतिकता के प्रति बड़ी दृढ़ता दिखाई है, उसी प्रकार संपूर्ण खालसा पंथ, तख्त साहिब से पंथिक परंपराओं का पुनरुद्धार कर रहा है। सुखबीर बादल मामले में धार्मिक सुनने का बेसब्री से इंतजार है।
इसलिए हम सभी जत्थेदार साहिबों से अनुरोध करते हैं कि वे वर्तमान पंथक मुद्दों के संबंध में कोई भी निर्णय कौम की पंथिक परंपराओं और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लें और इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को पंथक भावनाओं को दर्शाते हुए दृढ़ संकल्प के साथ हल करें। पंथ उम्मीद कर रहा है कि जो लोग अतीत में पंथक की वर्तमान गिरावट के साथ-साथ सिख परंपराओं, सिख सिद्धांतों और श्री अकाल तख्त साहिब सहित सिख पंथ की राजनीतिक और धार्मिक संस्थाओं के विनाश के लिए जिम्मेदार रहे हैं। उनको सख्त सजा मिलनी चाहिए।