उत्तराखंड के लंबी रेस के धावक ओलंपियन मनीष रावत भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से धर्मशाला में चल रहे सीनियर नेशनल एथलेटिक्स कैंप से दोबारा जुड़ गए हैं। मनीष की निगाहें 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक गेम्स में पदक जीतने पर हैं।
मूलरूप से सगर गांव गोपेश्वर निवासी मनीष ने रियो ओलंपिक 2016 में पहली बार प्रतिभाग करते हुए 20 किमी वॉक रेस में 13वां स्थान हासिल किया। मनीष रावत के शानदार प्रदर्शन पर उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देते हुए कांस्टेबल से सीधा इंस्पेक्टर बनाया।
उन्होंने 2017 में ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स मीट में भी स्वर्ण पदक जीता। 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में मनीष 20 किमी वॉक रेस में छठे स्थान पर रहे। हालांकि चोटिल होने के कारण वह कुछ समय तक ट्रेक से दूर रहे। पिछले माह ही उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की।
30 जुलाई को साई ने मनीष को पत्र भेजकर कैंप से जुड़ने को कहा। सीनियर नेशनल कैंप 2020 में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप व ओलंपिक की तैयारियों के लिए आयोजित हो रहा है। इसमें देश के प्रमुख एथलीट शामिल हैं।
मनीष ने बताया कि अब वह बिल्कुल फिट हैं और कैंप से जुड़ गए हैं। वह अपनी टाइमिंग सुधारने पर ध्यान दे रहे हैं। लंबे समय से सफलता हासिल न करने के कारण उनके अंदर पदक जीतने की भूख और बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि पिछले ओलंपिक में जो प्रदर्शन किया था उसमें सुधार करके टोक्यो में पदक जीतने पर उनका ध्यान केंद्रित है।