वक्फ विधेयक को लेकर इफ्तार पार्टियों की राजनीति चरम पर है। राजद ने इमारत-ए-शरिया का एक पत्र शेयर करते हुए लिखा है कि सात मुस्लिम संगठनों ने सीएम की इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया है। यह स्वागत योग्य है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार का बॉयकॉट होगा। यह बात राष्ट्रीय जनता दल ने इमारत-ए-शरिया का एक पत्र शेयर करते हुए लिखा है। राजद ने लिखा है कि सात मुस्लिम संगठनों ने सीएम की इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया है। यह स्वागत योग्य है। उन सात मुस्लिम संगठनों में इमारत शरिया, जमात इस्लामी, जमात अहले हदीस,खान्काह मोजीबिया, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमियत उलेमा ए हिंद और खान्काह रहमानी शामिल हैं, जिन्होंने यह फैसला पूरी दानिशमंदी से किया है।
नीतीश कुमार मुंह मे राम बगल में छुरी वाले नेता हैं
राष्ट्रीय जनता दल ने लिखा है कि वक्फ संशोधन बिल का समर्थन तो ताजा मामला है, यह वही नीतीश हैं जिन्होंने सीएए का भी समर्थन किया। तीन तलाक पर भी नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के साथ थे। गोया मुसलमानों को जड़ से उखाड़ देने वाले तमाम काले कानून का इन्होंने समर्थन किया। अब मुसलमानों के उन नेताओं और बोर्डों में बैठे चेयरमैन का भी बॉयकॉट होना चाहिए, जो नीतीश कुमार की वफादारी में मुस्लिम समाज का बेड़ा गर्क करने पर आमादा हैं।
नीतीश कुमार सियासी भरोसेमंद के लायक नहीं
इमारत-ए-शरिया का एक पत्र के अनुसार नीतीश कुमार कभी सियासी भरोसेमंदी के लायक नहीं रहे हैं। मुझे कई तंजीमों के रहनुमाओं ने बताया है कि वक्फ बिल पर तीन डेलिगेशन उनसे मिला लेकिन तीनों को उन्होंने कभी यह यकीन नहीं दिलाया कि वह वक्फ बिल की मुखालफत करेंगे। जब नीतीश कुमार अपनी सियासी हैसियत का इस्तेमाल मुसलमनों के हित में नहीं कर सकते तो उन्हें मुसलमानों को अपनी सियासी ताकत का एहसास कराना ही चाहिए।
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