पितरों का पक्ष यानी की पितृ पक्ष 2020 धीरे-धीरे अपने समापन की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में जो लोग किसी कारण से पितरों की संतुष्टि के लिए किए जाने वाले तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध नहीं कर पाए हैं या ऐसे लोग जो अपने पितरों को संतुष्ट करने के लिए समय- समय पर तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते रहना चाहते हैं तो उनके लिए बता दें कि नारद पुराण और महाभारत के मुताबिक बताए तिथियों या दिनों की गिनती की जाय तो पूरे साल में कुल 96 दिन ऐसे आते हैं कि जब हम पितृ पक्ष की ही तरह अपने पितरों की संतुष्टि के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर सकते हैं.
श्राद्ध करने के समय के मामले में क्या कहते हैं? कूर्म कूर्म पुराण, वराह पुराण और महाभारत
कूर्म पुराण– पितरों का श्राद्ध करने के मामले में कूर्म पुराण में कहा गया है कि श्राद्ध करने के लिए जरूरी वस्तुओं, ब्राह्मण और संपत्ति के मिल जाने पर किसी भी दिन श्राद्ध किया जा सकता है.
वराह पुराण– वराह पुराण के मुताबिक सामग्री और पवित्र जगह मिल जाने पर श्राद्ध करने से श्राद्ध का पूरा फल प्राप्त होता है.
महाभारत का अश्वमेधिक पर्व– महाभारत के इस पर्व में भगवान श्रीक्रष्ण कहते हैं कि जिस समय भी ब्राह्मण, दही, घी, कुशा, फूल और अच्छी जगह मिल जाए पितरों का श्राद्ध कर देना चाहिए.
पुराणों और स्मृति ग्रंथों के मुताबिक श्राद्ध के लिए साल के कुल 96 दिन इस तरह से हैं:
- हर महीने में होने वाली अमावस्या के आधार पर साल भर में कुल 12 अमावस्या के दिन श्राद्ध किया जा सकता है.
- 4 युगादी तिथियां- जैसे कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की 9वीं तिथि, वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि आदि.
- साल भर में होने वाले कुल 12 संक्रांति, 12 वैधृति योग और 12 व्यतिपात योग.
- हर साल पितृ पक्ष के 15 दिन या महालय जब पितर के श्राद्ध किए जाते हैं.
- इसके साथ ही साथ 5 अष्टका, 5 अनवष्टिका और 5 पूर्वेद्दु. ऐसे तिथि या पर्व हैं जिन पर पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है.
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
