सार्वजनिक स्थानों पर कूडा फेंकने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) सख्त हो गया है। एनजीटी ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति या सरकारी या प्राइवेट एजेंसी या संस्था सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकता पाया गया तो उस पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
एनजीटी ने कहा है कि सभी अथॉरिटी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 के तहत कचरे से बेहतर ढंग से संग्रहण, परिवहन और निस्तारण के लिए कानूनी तौर पर बाध्य है।
एनजीटी ने कहा, ‘अगर कोई शख्स, होटल, निवासी, बूचड़खाना, सब्जी मंडी आदि निर्देश का पालन नहीं करते हैं और कूड़ा नाली या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकते हैं तो वे पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 हजार रुपए जुर्माना देंगे। ‘
एनजीटी ने कहा, ‘अगर कोई शख्स, होटल, निवासी, बूचड़खाना, सब्जी मंडी आदि निर्देश का पालन नहीं करते हैं और कूड़ा नाली या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकते हैं तो वे पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 हजार रुपए जुर्माना देंगे। ‘
एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कचरे वर्गीकरण और उसका निस्तारण कचरे की हिसाब से अलग-अलग होना चाहिए। एनजीटी ने ये बातें राजधानी दिल्ली में कचरे के खराब प्रबंधन के खिलाफ दायर कुदरत संधु की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहीं।
बेंच ने कहा, ‘कचरा प्रबंधन करने वाले सभी निगमों को भी तय नियमों के हिसाब से इसका निस्तारण करना चाहिए।’
बेंच ने कहा, ‘कचरा प्रबंधन करने वाले सभी निगमों को भी तय नियमों के हिसाब से इसका निस्तारण करना चाहिए।’