बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Ex Minister Mukesh Sahani) रविवार को उस समय आगबबूला हो गए जब सारण के पुलिस अधिकारियों ने उनका फोन रिसीव नहीं किया। इसके बाद वे तमतमाए हुए थाने पहुंचे। वहां पुलिस अधिकारी को खरी-खोटी सुना दी। दरअसल वे लीची तोड़ने पर दो बच्चों की हत्या कर कुएं में फेंकने के मामले में पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने की शिकायत के बाद पुलिस अधिकारियों को फोन कर रहे थे। लेकिन थाने से लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों तक ने उनका कॉल रिसीव नहीं किया। उन्होंने कहा है कि इसकी शिकायत वे डीजीपी से की। अगर बच्चों की हत्या मामले में कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन किया जाएगा। इसको लेकर उन्होंने फेसबुक पर भी पोस्ट कर नाराजगी जाहिर की है।
दो बच्चों की हत्या मामले में कार्रवाई की मांग
विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी रविवार को भेल्दी थाना क्षेत्र के इस्सेपुर गांव पहुंचे थे। यहां बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी थे। पता चला कि 12 मई को लीची तोड़ने पर दो बच्चों की हत्या कर शव को कुएं में फेंक दिया गया। इसकी प्राथमिकी मृतक बच्चे रोहित व मुन्ना के स्वजनों ने दर्ज कराई थी। लेकिन प्राथमिकी दर्ज होने के इतने दिनों बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। स्वजनों ने मुकेश सहनी को बताया कि पुलिस इस मामले में लापरवाही बरत रही है। इसके बाद पूर्व मंत्री ने थानेदार को फोन किया लेकिन वहां कॉल नहीं उठा। इसके बाद डीएसपी और एसपी को भी उन्होंने फोन लगाया। लेकिन बार-बार फोन लगाने पर भी कोई रिस्पांस नहीं मिला।
थाने पहुंच पुलिस को सुनाई खरी-खोटी
इससे मुकेश सहनी तमतमा उठे। वे कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंच गए। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को फटकार लगाई। पूर्व मंत्री ने कहा कि जिले के अधिकारियों व थाने की मिलीभगत से केस को दबाया जा रहा है। करीब आधा घंटा तक थाना परिसर में हंगामे की स्थिति रही। पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर 10 दिनों में इस मामले की सही तरीके से जांच कर कार्रवाई नहीं होती है तो बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने डीजीपी से भी इस मामले में बात की।