नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की कथनी-करनी में फर्क का एक और नमूना सामने आया है। सरकार 20 नए रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन शुरू करने का दावा करती रही है, जबकि दो स्टेशनों के लिए अभी तक बिजली की व्यवस्था ही नहीं हो पाई है। हैरत की बात यह कि अभी तक ये सभी स्टेशन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ऑनलाइन नेटवर्क से भी नहीं जोड़े जा सके हैं।
सच्चाई कुछ और ही है
दिल्ली सरकार वर्ष 2016 की सर्दियों से ढिंढोरा पीटती आ रही थी कि अक्टूबर 2017 में दिल्ली में 20 नए रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन शुरू कर दिए जाएंगे। दिल्ली सरकार द्वारा नियंत्रित दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) इन्हें तय समय सीमा के एक माह बाद तक भी चालू ही नहीं कर सकी। सीपीसीबी और ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) की बार- बार की फटकार के 10 नवंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इनका ई-उद्घाटन किया भी तो उसकी सच्चाई अब कुछ और सामने आ रही है।
दिल्ली सरकार का लापरवाह रवैया
सूत्रों के मुताबिक पूसा औद्योगिक क्षेत्र और अरविंदो मार्ग-एमजी रोड के दो स्टेशनों को तो अभी तक बिजली कनेक्शन ही नहीं मिल पाया है। जो 18 स्टेशन शुरू हुए हैं, उनमें भी सीपीसीबी के ऑनलाइन नियंत्रण कक्ष से आधे ही जोड़े जा सके हैं। डीपीसीसी के एक अधिकारी ने दबी जबान में इस सच्चाई को स्वीकार भी किया। सीपीसीबी के एक अधिकारी ने इसे दिल्ली सरकार का लापरवाह रवैया करार दिया है।
यहां लगे है एयर मॉनिटरिंग स्टेशन
मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, डॉ. कर्णी सिंह रेज, पीजीडीएवी कॉलेज श्रीनिवासपुरी, मदर डेयरी प्लांट पटपड़गज, सत्यवती कॉलेज जीटी करनाल रोड, मुंडका मेट्रो स्टेशन, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज रोहिणी, आइटीआइ नरेला, जल शोधन संयंत्र सोनिया विहार, डीआइटीई ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, चौधरी ब्रहमप्रकाश आयुर्वेदिक अस्पताल नजफगढ़, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल पूठखुर्द, छत्रसाल स्टेडियम एमजी रोड, नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ टीबी एड रेस्पिरेशन, पूसा इडस्टि्रयल एरिया, इग्नू मेन रोड मैदानगढ़ी, फुटबॉल फेडरेशन द्वारका, दिल्ली कैंट जनरल अस्पताल।