केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन से देश ने एक सम्मानित राष्ट्रीय नेता, कुशल सांसद और बड़ा राजनेता खो दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी शासन में बेजोड़ अनुभव रखने वाले व्यक्ति थे और उन्होंने हमारे राष्ट्रीय जीवन पर गहरी छाप छोड़ी है। प्रणब मुखर्जी अलग-अलग समय पर विदेश, रक्षा, वाणिज्य और वित्त मंत्री भी रहे थे।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने उन्हें मुखाग्नि दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सोमवार शाम को 84 वर्षीय मुखर्जी का दिल्ली में आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में कई बीमारियों से जूझते हुए निधन हो गया था। वह 21 दिनों से इस अस्पताल में भर्ती थे।उन्हें 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसी दिन दिमाग में रक्त का थक्का निकालने के लिए उनका ऑपरेशन किया गया था। अस्पताल में भर्ती होने के समय उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। बाद में उनके फेफ़़डे में भी संक्रमण हो गया था।
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