पंजाब: किसान आंदोलन की वजह से लुधियाना के होजरी उघोग को नुकसान हो रहा है. एक दुकानदार ने बताया, “किसान आंदोलन और शादियां खत्म हो जाने की वजह से हमारे पास ग्राहक कम आ रहे हैं. अगर आंदोलन नहीं होता तो हमारा काम अच्छा चलता. पिछली बार की तुलना में इस बार 30-35% काम कम हो गया है.”

वहीं सिंघु बॉर्डर पर पिछले क़रीब एक महीने से चल रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से बॉर्डर के आसपास के पेट्रोल पंप को काफी नुकसान हो रहा है, पेट्रोल पंप खाली पड़े हैं. एक पेट्रोल पंप के सुपरवाइजर ने बताया, “पंप अभी बिल्कुल बंद है, 27 नवंबर से कोई गाड़ी नहीं आ रही है. सैलरी की दिक्कत आएगी.”
बुराड़ी ग्राउंड में मौजूद भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने कहा कि जब तक काले कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हमारे हौंसले बुलंद हैं. सरकार जितनी जल्दी हो सके ये कानून रद्द कर दे नहीं तो संघर्ष और बढ़ा होगा. हमें दुनिया का सहयोग मिल रहा है.
आपने देखा होगा कि किसी भी चीज का विरोध करने के लिए या अपनी मांगों की पूरी करवाने के लिए अक्सर भूख हड़ताल का सहारा लिया जाता है. किसी एक छोटे से कस्बे में होने वाले विरोध-प्रदर्शन से लेकर देशव्यापी आंदोलनों में भी अनशन का सहारा लिया जाता रहा है. महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों के खिलाफ यह हथियार उठाया था तो हाल ही में हो रहे किसान भी इसका सहारा ले रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक हम हटेंगे नहीं..चाहे 10 साल लग जाएं. 6 बार की बातचीत हो चुकी है. सरकार चाहती तो हल निकाल सकती थी.”
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