ठाणे, ठाणे के कलेक्टर राजेश नार्वेकर ने नवी मुंबई में स्थित सद्गुरु होटल और बार का लाइसेंस रद कर दिया है। इस होटल और बार के मालिक एनसीबी मुंबई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े थे, जिन्होंने 1997 में दायर लाइसेंस आवेदन में अपनी उम्र को गलत तरीके से पेश किया था। उस समय समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े आबकारी विभाग में कार्यरत थे। इस संबंध में समीर वानखेड़े को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा गया था कि गलत दस्तावेज जमा करने के कारण आपके नाम पर यह लाइसेंस रद क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार समीर वानखेड़े के होटल और बार पर ये कार्रवाई द्य निषेध अधिनियम की धारा 54 के तहत की गई है। इस कार्रवाई का कारण 1997 में दायर लाइसेंस आवेदन में उम्र को गलत तरीके से पेश करना बताया गया है। ठाणे के आबकारी अधीक्षक और वानखेड़े के वकील की बात सुनने के पश्चात, ठाणे कलेक्टर ने होटल का लाइसेंस रद करने का छह पृष्ठ का आदेश पारित किया।
बता दें कि कलेक्टर की जांच में पता चला कि वानखेड़े को 27 अक्टूबर 1997 को लाइसेंस जारी किया गया था। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 21 वर्ष की आयु आवश्यक थी, लेकिन वानखेड़े की उस समय उम्र 18 वर्ष से कम थी, इसलिए उनका लाइसेंस रद कर दिया गया। कलेक्टर ने मंगलवार को फाइल पर हस्ताक्षर किए, आज (बुधवार) आबकारी आयुक्त और वानखेड़े को आदेश की आधिकारिक सूचना दी जाएगी।
गौरतलब है कि समीर वानखेड़े के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मुंबई पुलिस को नवाब मलिक के खिलाफ अत्याचार का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। यह दावा एक दिन पहले भाजपा नेता मोहित कंबोज ने किया था। बता दें कि नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े को मुस्लिम बताकर उनके दलित होने पर सवाल उठाया है। यहां सवाल यह उठता है कि इस वजह से समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है? बार लाइसेंस मामले में समीर वानखेड़े दोषी हो सकते हैं, लेकिन कार्रवाई का समय संदिग्ध है।