ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना मिर्जा यासूब ने कहा है कि तीन तलाक का मुद्दा सही नहीं है।
निकाह में गवाह की जरूरत नहीं होती। तीन लाख बार तलाक बोलने से भी तलाक नहीं होता है। तलाक देने का अधिकार भी केवल महिलाओं को है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाए जाने की जरूरत है। कानून के दायरे में निकाह नामा होना चाहिए। उसे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में रखा जाना चाहिए। मिर्जा यासूब ने नोट बंदी के फैसले को भी सही बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि व्यवस्था ठीक नहीं हो पाने से आम लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बिजनौर के किरतपुर में मिर्जा यासूब ने कहा कि तीन लाख बार तलाक-तलाक कहने से भी तलाक नहीं होता। निकाह दो दिलों को जोड़ता है। फिर इसमें गवाह की जरूरत कहां आ पड़ी। उनके यहां तलाक देने का अधिकार केवल महिला को है। फोन पर व्हाट्सऐप या सोशल मीडिया पर तलाक देने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि शिया समुदाय के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे सायरा बानो वाले केस में तरमीम करने के लिए अर्जी दे रखी है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को दिया जाने वाला लाभ शिया समुदाय को नहीं मिलता है, जबकि भारत में सिर्फ पांच से सात करोड़ करोड़ शिया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है। आतंकवादी संगठन साजिश के तहत इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं