भोपाल। तीसरी बार सत्ता संभालने के ढाई साल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। विस्तार में नौ मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई है। इसमें 4 कैबिनेट और बाकी राज्यमंत्री हैं। समारोह में राज्यपाल रामनरेश यादव ने शपथ दिलाई। इसमें 6 नए चेहरे शामिल हैं।
शिवराज कैबिनेट में नए मंत्रियों को मौका दिया गया है। गुरुवार सुबह से ही राजभवन में कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो गई थी।इस बीच मंत्री सरताज सिंह के इस्तीफा देने की खबर मिल रही है वहीं मंत्री बाबूलाल गौर के इस्तीफे की अटकलें भी जाेरों पर हैं। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
चार कैबिनेट मंत्रियों में जयभान सिंह पवैया, अर्चना चिटनीस, रूस्तम सिंह और ओमप्रकाश धुर्वे ने शपथ ली । वहीं राज्यमंत्री के रूप में ललिता यादव, हर्ष सिंह, विश्वास सारंग, संजय पाठक और सूर्यप्रकाश मीणा ने शपथ ली।
शिवराज ढाई साल के कार्यकाल में यह पहला विस्तार
शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित विस्तार में जयभान सिंह पवैया, विश्वास सारंग, हर्ष सिंह, ललिता यादव, संजय पाठक के रूप में नए चेहरों को शामिल किया गया है। जबकि पिछली शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके रुस्तम सिंह, अर्चना चिटनीस व ओमप्रकाश धुर्वे को भी विस्तार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। विस्तार में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम कांग्रेस के बीजेपी में आए संजय पाठक का रहा।
शिवराज सरकार के करीब ढाई साल के कार्यकाल में यह पहला विस्तार है। इस बार खुद मुख्यमंत्री चौहान ने विस्तार की तारीख का ऐलान करीब दो सप्ताह पहले कर दिया था। मगर मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सीएम के चीन यात्रा से लौटने के बाद से कवायद तेज हो गई थी। मंगलवार को इसमें तेजी आई।
दो दिन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान, संगठन मंत्री सुहास भगत, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे सहित केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आदि से चर्चाएं कीं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और रामलाल से भी कैबिनेट विस्तार को लेकर मंत्रणा की।
बुधवार को सुबह मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दिनभर दिल्ली में थे और कई नेताओं से उन्होंने चर्चा की थी। उम्र को लेकर पार्टी के नीतिगत फैसले के बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व से बातचीत हुई तो इस घेरे में आ रहे प्रदेश के दो वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को मनाने के लिए शपथ समारोह के चार घंटे पहले नंदकुमार चौहान व सुहास भगत स्वयं उनके निवास गए।
इसके बाद तमाम अटकलें चली और यह तक कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। बाद में सरताज सिंह के सीएम को इस्तीफा भेजने की खबर भी चर्चा में आई लेकिन गौर की चुप्पी को उनकी नाराजगी के रूप में बताया गया।