गांगुली के कहने का ये मतलब है कि कौन सा कोच टीम इंडिया के लिए बेहतर साबित हो सकता है। शास्त्री विराट कप्तान विराट कोहली की पसंद हैं इस बात से समिति अच्छी तरह वाकिफ है लेकिन जिन पांच आवेदकों के इंटरव्यू लिए गए हैं उनमें से चार के पास शास्त्री से बेहतर प्लान हो सकते हैं ऐसे में समिति ने विराट से इस बारे में विराट से बात करने का फैसला किया कि उन्हें सभी बातों से और अपने निर्णय से रूबरू किया जाए।
बीसीसीआई भी नहीं चाहता है कि कुंबले जैसा विवाद फिर से टीम में उपजे ऐसे में कप्तान को विश्वास में लेन जरूरी है। इसलिए अब समिति विराट के लौटने का इंतजार करेगी। हालांकि बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने वेस्टइंडीज जाकर इस संबंध में कप्तान कोहली और टीम के अन्य सदस्यों से इस बारे में चर्चा की थी। वह सोमवार को इंटरव्यू के दौरान उपस्थित थे। उन्होंने समिति को टीम के रूख के बार में बता दिया था लेकिन विराट से दोबारा बात करने का सीधा सा मतलब यह निकाला जा सकता है कि रवि शास्त्री के नाम पर समिति में सहमति नहीं बन सकी है।
पिछली बार कोच पद में शामिल शास्त्री को सौरव गांगुली ने गंभीर नहीं मानते हुए कुंबले को वरीयता दी थी। लेकिन इस बार भी कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है।