प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर वॉशिंगटन पहुंच गए हैं. भारतीय समयानुसार रविवार की सुबह प्रधानमंत्री ज्वॉइंट बेस एंड्रूज हवाई अड्डे पर उतरे. भारतीय उच्चायुक्त नवतेज सरना अपनी पत्नी अवीना सरना के साथ दिल्ली में अमेरिका की उच्चायुक्त मैरी के लॉस कार्लसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया.
प्रधानमंत्री के स्वागत में ज्वाइंट बेस एंड्रूज पर बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग उपस्थित थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से मुलाकात की और ऑटोग्राफ साइन किए. इसके बाद प्रधानमंत्री होटल विलार्ड इंटरकॉन्टिनेंटल पहुंचे. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये पांचवां अमेरिका दौरा है.
प्रधानमंत्री यहां दिग्गज कंपनियों के कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. मोदी 26 जून को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस पहली मुलाकात पर दुनिया भर की निगाह टिकी हुई है.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के स्वागत में ट्वीट कर कहा कि सोमवार को महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों पर एक सच्चे दोस्त से चर्चा होगी.
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मोदी के दौरे के समय वॉशिंगटन में भारतीय राजदूत नवतेज सरना एक कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे, जिसमें भारतीय समुदाय के करीब छह सौ नेता शिरकत करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद पीएम मोदी 27 जून को नीदरलैंड के लिए रवाना हो जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका दौरे के समय 26 जून को पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात पर विशेष फोकस रहेगा.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा कि अमेरिका पीएम मोदी के दौरे का इंतजार कर रहा है. यह दौरा अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों को और मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत कई मुद्दों पर एक जैसी सोच रखते हैं. इनमें आतंकवाद से लड़ाई, लोगों के बीच जुड़ाव जैसे कई मुद्दें हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश में आने वाले लोगों के लिए जिन्हें वीजा दिया जाता है, उनमें हमेशा ही भारतीयों की संख्या ज्यादा होती है. मुझे नहीं लगता कि वीजा का मुद्दा एजेंडा की बात होगी. अमेरिकी लोग भारतीयों के साथ काफी दोस्ताना संबंध रखते हैं.
मालूम हो कि मोदी के दौरे से पहले अमेरिका ने भारत को 22 गार्जियन ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी है. यह ऐसी पहली डील है, जो अमेरिका ने किसी गैर नाटो सदस्य देश के साथ की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पहले इस सौदे को द्विपक्षीय संबंधों की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि इस फैसले के बारे में विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार और मैन्युफैक्चरर को अवगत करा दिया है. यह सौदा दो से तीन अरब डॉलर यानी करीब 130 से 194 अरब रुपये तक का होने की उम्मीद है.